दुनिया भर में कोरोनावायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं और सभी देश इसका जिम्मेदार चीन को मानते है। काफी समय से इस मामले को लेकर जांच करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन चीन इसके लिए आनाकानी कर रहा था पर अब चीन ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति की जांच करने के लिए अनुमति दे दी है। जिसके बाद अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) की टीम चीन जाकर इस पूरे मामले की जांच करेगी।
कोरोनावायरस का पहला मरीज चीन के वुहान शहर में नवंबर 2019 में मिला था। इसके बाद से लगातार कोरोनावायरस के मामले बढ़ते गए। लेकिन चीन ने इसकी जानकारी दुनिया को बहुत देर में दी। तब तक 200 से ज्यादा देशों में कोरोनावायरस पहुंच चुका था और लगातार उससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।
अमेरिका सहित कई देश कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर जांच कराने की मांग कर रहे थे। लेकिन चीन इसके लिए अनुमति नहीं दे रहा था। अब जब चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बना तब जांच करने की अनुमति चीन सरकार ने दी है।
चीन का कहना था कि कोरोनावायरस वुहान की मीट मार्केट से निकला है। जबकि अमेरिका ने साफ कहा कि कोरोनावायरस वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी से निकला है। चीन इस वायरस को बायोवेपन की तरह उपयोग करना चाहता था। परीक्षण के दौरान यह वायरस लैब से लीक हो गया। इसलिए चीन ने यह बात दुनिया को नहीं बताई।