भारत और चीन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है और इसका मुख्य कारण चीन ही है। 15 से 16 जून की रात को हुई झड़प में भारतीय सेना ने चीनी सेना के सैन्य ढांचे को उखाड़ कर फेंक दिया था। लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है उसने फिर उसी जगह पर एक निगरानी पोस्ट बनाई है। यही नहीं दौलत बेग ओल्डी क्षेत्र में पेट्रोलिंग पॉइंट 10 से 13 तक भारतीय सैनिकों के गस्त करने में रुकावट डाल रहा है।
एक तरफ बातचीत दूसरी तरफ उकसाने की कोशिश
एक तरफ चीन कहता है कि हम बातचीत करके इस मामले को सुलझा लेंगे तो वहीं दूसरी तरफ सीमा पर उकसाने की कोशिश कर रहा है। जाहिर है कि चीन ऐसा दुनिया को दिखाने के लिए कर रहा है कि वह बातचीत के द्वारा सीमा विवाद को हल करना चाहता है। लेकिन वास्तविकता तो यह है कि चीन लगातार सीमा पर तनाव बढ़ा रहा है।
6 जून से लगातार भारत और चीन के बीच कमांडिंग लेवल की बैठक हो रही है और इस बैठक में भारत साफ कर चुका है कि जब तक चीन अपनी सेना को पहले वाली स्थिति में लेकर नहीं जाता तब तक कोई समझौता नहीं हो सकता और चीन इस बात पर राजी भी हो गया था। लेकिन हर बार बातचीत के बाद चीन सीमा पर तनाव बढ़ाने वाली हरकतें कर रहा है।
चीन ने पूर्वी लद्दाख में भारत चीन सीमा पर भारी संख्या में सैनिकों और जवानों की तैनाती की है। जबकि बातचीत में तय हुआ था कि चीन सैनिकों के साथ इन युद्ध वाहनों को भी पीछे लेकर जाएगा। लेकिन चीन लगातार सैन्य ढांचे बनाने का काम कर रहा है और भारतीय सैनिकों के गस्त में रुकावट खड़ी कर रहा है।