सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रसेवक नाना जी देशमुख की आज जयंती है। इनका जन्म 11 अक्टूबर को महाराष्ट्र के एक गांव कडोली में हुआ था। नाना जी ने अपने जीवन में 500 से ज्यादा सामाजिक कार्य किये और देश की सेवा करते हुए अपना जीवन व्यतीत किया। नाना जी को देश को भारत का सर्वोच्य नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से भी सम्मानित है। ये बात अलग है की उनको भारत रत्न मरणोपरांत दिया गया।
प्रधानमंत्री ने किया नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाना जी की जयंती पर उनको याद करते हुए नमन किया, पीएम ने लिखा की ‘महान सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रसेवक नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने गांवों और किसानों के कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा।’
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महान सामाजिक कार्यकर्ता और राष्ट्रसेवक नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने गांवों और किसानों के कल्याण के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान देशवासियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत बना रहेगा। pic.twitter.com/k0c7Sml2Ds
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2019
नाना जी ने सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय की स्थापना 1947 में सबसे पहले गोरखपुर में की थी और आज देश में अलग-अलग जगहों पर सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय स्थापित है। 60 वर्ष की उम्र में इन्होने सन्यास ले लिया और भारत भ्रमण कर श्री राम की तपो भूमि चित्रकूट में जाकर बस गए। नाना जी ने चित्रकूट में चित्रकूट ग्रामोदय विश्व विद्यालय की स्थापना भी की। समाज सेवा के लिए इन्हे पद्म विभूषण से 1999 में सम्मानित किया गया। नाना जी देशमुख का देहांत 27 फ़रवरी 2010 को हुआ था। नाना जी ने मेडिकल शोध के लिए अपने शरीर को अपनी इच्छा से दान कर दिया था 1997 में देहांत होने से पहले।