भारत के सबसे बड़े बैंक अर्थात भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने बुधवार को होली के अवसर पर अपने सभी खाताधारकों को एक बहुत ही बड़ी सौगात दिया है। एसबीआई बैंक ने बचत खाते (Saving Account) के लिए औसत मासिक न्यूनतम राशि रखने की बाध्यता को ख़त्म करने का एलान कर दिया है।अब सभी एसबीआई खाताधारक अपने अपने खातों में ज़ीरों बैलेंस भी रख सकते हैं। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने अपने सभी बचत खातों पर ब्याज की दर घटाकर 3% प्रतिवर्ष कर दिया था साथ ही हर तीन महीने में वसूल किया जाने वाला एसएमएस चार्ज भी समाप्त कर दिया था।
अब न्यूनतम बैलेंस की बाध्यता ख़त्म हो जाने से एसबीआई के सभी ग्राहक अपने खाते में अपने हिसाब से बैलेंस रख सकते हैं और उनसे किसी भी तरह का कोई चार्ज नहीं वसूला जाएगा। बैंक की तरफ से दिए गए बयान के अनुसार एसबीआई के लगभग 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों को लाभ मिलेगा। भारतीय स्टेट बैंक चेयरमैन रजनीश कुमार ने बताया है कि इस निर्णय से कई लोगों को प्रसन्नता होगी। बैंक ने कहा है कि उन्होंने ‘सबसे पहले ग्राहक हित’ की नीति पर चलते हुए यह निर्णय लिया है।
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भारतीय स्टेट बैंक में पहले भिन्न भिन्न तरह के बचत खाते के लिए खाताधारकों को 1000 रूपए से लेकर 3000 रूपए तक न्यूनतम बैलेंस अपने खाते में रखना पड़ता था। मेट्रो सिटी के खाताधारकों को अपने बचत खाते में 3000 रूपए, कसबे के खाताधारकों को अपने बचत खाते में 2000 रूपए तथा ग्रामीण क्षेत्रों के खाताधारकों को अपने बचत खाते में 1000 रूपए आवश्यक रूप से रखना पड़ता था। यदि एक महीने तक न्यूनतम बैलेंस इससे कम होता था तो खाताधारकों को 5 रूपए से लेकर 15 रूपए तक टैक्स का भुगतान करना पड़ता था।