रांची की निर्भया को मिला इंसाफ,जज बाेले-ऐसे व्यक्ति की समाज में कोई जगह नहीं

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देश की राजधानी दिल्ली की निर्भया को तो अभी इंसाफ नहीं मिल पाया है। लेकिन उससे पहले रांची की निर्भया को न्याय मिल गया है। रांची की निर्भया के साथ आज से 3 साल 6 दिन पहले उसका रेप कर उसको जलाकर कर उसकी हत्या कर दी गई थी। आज कल देश में हर व्यक्ति रेप के आरोपी की सजा-ए-मौत की मांग कर रहा है। इसी के चलते रांची की निर्भया के हत्यारे को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है।

एक हत्यारे को मिली सजा

आपको बता दे की आज से तीन साल 6 दिन पहले बीटेक छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या करने और शव काे जलाने के दाेषी राहुल राज काे काेर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सीबीआई के स्पेशल जज एके मिश्र की काेर्ट ने 21 दिसंबर को लगभग 11:30 बजे राहुल काे हत्या के जुर्म में सजा-ए-माैत, दुष्कर्म के अपराध में आजीवन कारावास, हत्या की नीयत से घर में घुसने पर आजीवन कारावास और साक्ष्य मिटाने के जुर्म में सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इतना ही नहीं उस पर 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया।

ऐसे व्यक्ति की समाज में कोई जगह नहीं-जज

जानकारी के मुताबिक अपने फैसले में जज ने कहा-इस घटना से पहले भी दाेषी व्यक्ति ऐसे गंभीर अपराध करने में जुड़ा हुआ था की जिससे यह साफ पता चलता है की उसके सुधरने की काेई उम्मीद नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा की ऐसी परिस्थिति में ऐसे व्यक्ति काे समाज के बीच रखना समाज के लिए एक बहुत बड़ा खतरा हो सकता है। यह मामला जघन्य से जघन्यतम की श्रेणी में आता है। मृत्युदंड काे छाेड़कर काेई और सजा देना ऐसे अपराधी के लिए ठीक नहीं हाेगा। इसके साथ ही उसको फांसी की सजा सुना दी गई।

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उसी दिसम्बर में एक और निर्भया की हुई थी हत्या

छात्रा ठीक उसी समय की है जब दिल्ली की निर्भया को मौत के घाट उतरा गया था। आपको बता दे की रांची की निर्भया ठीक उसी माह की तारीख 15 दिसंबर 2016 काे शाम छह बजे काॅलेज से अपने को लाैटी थी। उस दिन आराेपी ने दिनभर उसका पीछा किया था। लेकिन उस दिन उसका यह घिनौना मकसद पूरा न हो सका। और वह उस दिन कुछ नहीं कर पाया।

बहुत ही शातिर दिमाग से घटना को दिया था अंजाम

लेकिन उसके दूसरे दिन 16 दिसंबर की सुबह करीब 4 बजे राहुल छात्रा के घर में घुसा। ग्रिल का ताला खाेला। छात्रा ने अपने कमरे की सीटकनी नहीं लगाई थी। राहुल अंदर गया और उसका गला दबाने लगा। फिर उसके साथ दुष्कर्म किया। जब छात्रा अचेत हाे गई ताे आयरन के तार से गला घाेंट दिया। उसके कपड़े उतारे और बगल वाले कमरे में फेंक कर आग लगा दी। हत्या करने के बाद बगल के कमरे से माेटर में डालने के लिए रखा माेबिल उसके शरीर पर डाल दिया और आग लगा दी। फिर दरवाजा सटा कर वहां से निकल गया।

इस मामले की जांच में सीबीआई टीम के छूट गए थे पसीने

इस घटना को अंजाम देने के बाद यह आरोपी काफी लम्बे समय रहा था। उसके जाँच एजेंसियों को लगभग ढाई साल तक चकमा दिया था। सीबीआई टीम के लीडर परवेज आलम और उनकी टीम ने बूटी बस्ती में माेबाइल काॅल डंप के आधार पर राहुल का पता लगाया। करीब 300 लाेगाें से पूछताछ की। जिससे पता चला कि राहुल नालंदा के एकंगरसराय थाना क्षेत्र के घुरगांव का रहने वाला है। पटना में भी नाबालिग से दुष्कर्म का केस दर्ज है। इसके बाद इसी वर्ष जून में उसे सीसबीआइ ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था। इसके बाद राहुल के माता-पिता और पीड़िता के स्वैब व नाखून से मिले अंश का डीएनए टेस्ट कराया। इसमें राहुल की मां का डीएनए मैच कर गया। इसी सबूत के आधार पर फांसी की सजा हुई।

ख़ुशी नहीं थोड़ी संतुष्टि मिली है-छात्रा के पिता

आपको बता दे कीपुलिस और सीआईडी मामले काे नहीं सुलझा पाई थी। ऐसे में यह मामला चुनाैती से भरा था और यह मामला सीबीआई जाँच को सौपा गया। तब सीबाई जाँच ने आराेपी तक पहुंचने के लिए डीएनए रिपाेर्ट अहम रहा। राहुल ने कानून की पकड़ से बचने के लिए छात्रा के शव काे पूरी तरह से जलाकर साक्ष्य मिटाने का इंतजाम कर लिया था। लेकिन शव से मिले महिला के अंश से जाे रिपाेर्ट आई वही राहुल तक पहुंचने में मददगार साबित हुआ। ऐसे मेंकोर्ट का फैसला आने पर छात्रा के पिता से जब सीबीआई अधिकारियाें ने पूछा-आप फैसले से खुश हैं। ताे वे राे पड़े और उन्होंने कहा की खुश नहीं हुआ, बल्कि थाेड़ी संतुष्टि मिली है। मेरी बेटी काे मारने के बाद उसे ऐसे जला दिया था कि उसकी पहचान भी नहीं हाे सकी।

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