जहां उत्तर प्रदेश में भव्य राम मंदिर बनाने की तैयारी चल रही है। सरकार और प्रशासन पूरी कोशिश में लगा है की जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण कराया जाये। वहीं दूसरी तरफ एक और मंदिर बनाने की तैयारी की जा रही है। फर्क बस इतना है की यह मंदिर भगवान् राम का नहीं बल्कि कृष्ण भगवान् का है, जो उत्तर प्रदेश के गोरखपुर शहर में बनेगा।
इस नए मंदिर का नाम इस्कॉन(ISKCON) मंदिर है। यह इस्कॉन(ISKCON) मंदिर न्यूयॉर्क शहर की शाखा इकाइ है। इस मंदिर के संस्थापक आचार्य भक्तिवेदान्त स्वामी प्रभुपाद जी है। जिन्होंने 13 जुलाई 1966 में यानी आज से 53 वर्ष पहले अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में इस मंदिर की नीव रखी थी। यह एक धार्मिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षा, धार्मिक सचेतन, धार्मिक अध्ययन, आध्यात्म को बढ़ावा देना है। इसका मुख्यालय मायापुर, पश्चिम बंगाल, भारत में है। दुनिया भर में इस मंदिर की लगभग 850 शाखाएं हैं।
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jagran.com के अनुसार गोरखपुर में इस्कान का मंदिर बनाने के लिए लगभग नौ माह से प्रयास चल रहा था। कहा जा रहा है की दो लोगों ने इस्कॉन मंदिर के लिए जमीन देने की बात कही है। उन्होंने तीन जगह जमीन दिखाई, प्रथम दृष्टया गोरखपुर आए इस्कॉन के जोनल सेक्रेटरी देवकीनंदन दास ने महेसरा ताल वाली जमीन को मंदिर के लिए उपयुक्त बताया है। फिलहाल उसी जमीन को केंद्र में रखकर मंदिर बनाने की योजना है ।
खबर के अनुसार नवीन यादव ने महेसरा ताल के पास स्थित अपनी जमीन दिखाई है। उन्होंने इस्कॉन मंदिर के लिए तीन एकड़ जमीन देने की बात कही है। वहां अभी गड्ढा है, जिसे नवीन ने कहा हम पटवा देंगे। जमीन देखने के बाद जोनल सेक्रेटरी ने अपनी सहमति जता दी है। माना जा रहा है कि यही वह जमीन है, जहां इस्कॉन मंदिर बनेगा।