यात्री ट्रेनें रुकी पर रेलवे कोरोना से लड़ाई के लिए लगातार कर रहा काम

railway relief work

पीएम मोदी द्वारा लॉक डाउन के समय को 3 मई तक बढ़ाए जाने के बाद रेलवे ने भी अपने सभी यात्री ट्रेनों को रद्द कर दिया है। लेकिन कोरोना से निपटने के लिए रेलवे दिन-रात काम कर रहा है। फिर चाहे वह राहत सामग्री पहुंचाना हो या गरीब परिवारों को मुफ्त में भोजन बांटना हो या संक्रमित लोगों के इलाज के लिए आइसोलेशन वार्ड को तैयार करना हो।

कोरोनावायरस संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए रेलवे 20,000 से ज्यादा ट्रेनों को आइसोलेशन वार्ड में बदल रहा है। जिसके तहत पहले चरण में 5000 कोचों को आइसोलेशन वार्ड में बदला जाएगा। इन आइसोलेशन वार्ड में वह सभी सुविधाएं होंगी जो एक हॉस्पिटल में होती है।

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राहत कार्यों के लिए स्पेशल ट्रेनें

रेलवे कर्मचारी दिन रात सैनिटाइजर, मास्क आदि का निर्माण कर रहे हैं और इनको जरूरतमंदों तक पहुंचाया भी जा रहा है। इसके साथ ही आवश्यक सामानों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए मालगाड़ी की सेवा को चालू रखा है। इन माल गाड़ियों से दूध, इंधन, दवा, फल व सब्जियां पहुंचायी जा रहा है। दूध की आपूर्ति के लिए रेलवे दूध दुरंतो नाम से ट्रेन चला रही है और स्पेशल पार्सल ट्रेनों के द्वारा रोज मेडिकल उपकरण, फल, सब्जी, दवा आदि को जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा रहा है।

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