प्रधानमंत्री ने बदल दिया कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बंगाल के दौरे पर गए हुए हैं और उनके दौरे का दूसरा दिन हैं। प्रधानमंत्री ने आज सुबह रामकृष्ण मिशन के मुख्यालय स्थित बेलूर मठ में संतो के साथ ध्यान लगाया औऱ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना भी किया। आज राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर उन्होंने स्वामी विवेकानंद को याद किया तथा युवाओं को संबोधित किया। इसके पश्चात् प्रधानमंत्री ने कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 साल पूरा होने पर कोलकाता के नेता जी सुभाष चंद्र बोस इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हुए थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान पोर्ट का ऐंथम लॉन्च किया तथा नेता जी सुभाष ड्राई डाक व मरम्मत केंद्र का उद्घाटन किया और स्मारक डाक टिकट भी जारी किया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 100 साल के बुजुर्ग नगीना भगत और 105 साल के बुजुर्ग नरेश चंद्र अग्रवाल नाम के दो कर्मचारियों का पैर छूकर सम्मान किया। इसके बाद उन्होंने यहाँ पर मौजूद सभा को सम्बोधित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मां गंगा के सानिध्य में गंगासागर के करीब देश की जलशक्ति के इस ऐतिहासिक प्रतीक पर इस समारोह का हिस्सा बनना गौरव की बात है। कोलकाता पोर्ट के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए आज सैकड़ों करोड़ रुपए के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया गया है। साथ ही बताया कि आदिवासी बेटियों की शिक्षा तथा उनके कौशल विकास के लिए हॉस्टल व स्किल डेवलपमेंट सेंटर का भी शिलान्यास किया गया है। उन्होंने बताया कि आज का दिन कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट व इससे जुड़े लोगों के लिए और यहां काम कर चुके साथियों के लिए बहुत ही खास मौका है और भारत में पोर्ट डेवलपमेंट को नई ऊर्जा देने इससे अच्छा और कोई मौका नहीं मिल सकता हैं।

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प्रधानमंत्री ने इस दौरान कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट करने का एलान किया और कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक जीवित दिग्गज थे जिन्होंने भारत के विकास के लिए कार्य किया तथा एक राष्ट्र व एक संविधान के विचार के लिए सबसे आगे रहकर लड़ाई की। उन्होंने आगे कहा कि वह आज बाबा साहेब को भी याद और उनका नमन करते हैं। इन दोनो ने ही आज़ादी के बाद के भारत के लिए नई नीतियां तथा नया विजन दिया था। डॉ. मुखर्जी की बनाई पहली औद्योगित नीति में देश के जल संसाधनों के सही इस्तेमाल पर अधिक जोर दिया गया था और बाबा साहेब ने देश की पहली जल संसाधन नीति व श्रमिकों से जुड़े कानूनों के सम्बन्ध में अपने अनुभवों का इस्तेमाल किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इन दोनों कि ही वजह से देश में नदी घाटी परियोजनाओं, बांधों और पोर्ट्स का निमार्ण तेजी से हुआ। उन्होंने कहा कि कोलकाता पोर्ट केवल जहाजों के आने-जाने का स्थान नहीं है बल्कि यह भारत का इतिहास है। इस पोर्ट ने देश को विदेशी राज से स्वराज पाते हुए देखा है और सत्याग्रह से लेकर स्वच्छाग्रह तक देश को बदलते हुए भी देखा है। यह पोर्ट भारत की औद्योगिक, आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की आकांक्षा का एक प्रतीक है। उन्होंने आगे कहा कि ऐसे में जब इस पोर्ट ने 150वें साल में प्रवेश किया हैं तो इसको न्यू इंडिया के निर्माण का भी एक प्रतीक बनाना ज़रूरी हैं।

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