केरल के सबरीमाला मंदिर में पुलिस ने मंगलवार को 12 साल की एक लड़की को अंदर जाने से रोक दिया। लड़की अपने पिता तथा रिश्तेदारों के साथ भगवान अयप्पा मंदिर प्रार्थना करने के लिए जा रही थी लेकिन पुलिस ने उनकी आयु के प्रमाण की जांच करने के बाद मंदिर के अंदर प्रवेश नहीं करने दिया।
12-year-old girl barred from entering Sabarimala Temple
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— ANI Digital (@ani_digital) November 19, 2019
सबरीमाला मंदिर के अंदर 10 साल से 50 साल की तक की उम्र वाली महिलाओं (जिनको मासिक धर्म होता है) का प्रवेश मंदिर के कर्ता धर्ताओं ने वर्जित कर रखा है और ऐसी महिलाओं को मंदिर के अधिकारियों द्वारा अंदर जाने से रोक दिया जाता है। सबरीमाला मंदिर के अधिकारी तर्क देते हैं कि मंदिर के देवता भगवान अयप्पा ने ब्रह्मचर्य का व्रत लिया था।
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सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितम्बर 2018 को पवित्र स्थल में 10 साल से 50 साल के बीच की महिलाओं के प्रवेश पर सदियों पुरानी परम्परा पर प्रतिबन्ध लगा दिया था। जिसके बाद से सबरीमाला मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों में लगातार विरोध किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की बेंच ने मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगाने को लैंगिग भेदभाव कहा और इसे हिन्दू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन माना है। एक याचिका के बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था।