अभी तक लोगों को संतोष था कि 31 मार्च तक लॉकडाउन खत्म हो जाएगा और वह पुनः अपने काम पर वापस लौट आएंगे और पहले कि तरह जिंदगी चल पड़ेगी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भारत में अगले 21 दिनों तक के लॉकडाउन की घोषणा किए जाने के बाद उन लोगों में काफी चिंता है जो अपना शहर व राज्य छोड़कर दूसरे जगहों पर काम करने के लिए गए थे। इनमें हजारों की संख्या मजदूर है। 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा सुनने के बाद यह सभी लोग पैदल ही अपने गांव के लिए रवाना हो रहे हैं।
PM Modi says effort is to win battle against coronavirus in 21 days, urges people to help poor
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— ANI Digital (@ani_digital) March 25, 2020
इन लोगों का कहना है कि ’22 तारीख से हमारे पास कोई काम नहीं है और हम रोज कमाने और खाने वाले हैं। ऐसे में हमें अपने गांव लौटने के अलावा और कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा है। इसलिए हम पैदल ही अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं।’ बता दे यह लोग अपने गांव किसी गाड़ी से नहीं बल्कि पैदल, साइकिल या रिक्शा से जा रहे हैं और यह दूरी 100 या 200 किलोमीटर नहीं बल्कि 300 किलोमीटर, 500 किलोमीटर या हजार किलोमीटर तक की दूरी तय करने पर यह सभी गरीब मजदूर लोग मजबूर है।
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कोई दिल्ली से वापस उत्तर प्रदेश, बिहार व चंडीगढ़ जा रहा है तो कोई मुंबई से वापस उत्तर प्रदेश बिहार व राजस्थान। कुछ लोग अहमदाबाद से राजस्थान पैदल रिक्शा या साइकिल से जा रहे हैं। इन सब की दूरी बहुत अधिक है। इन लोगों को इतना लंबा सफर तय करने में 3 से 7 दिन तक लग सकते हैं या इससे भी ज्यादा। सरकार ने श्रमिकों मजदूरों के लिए 1000 रुपए देने का ऐलान किया है और खाने-पीने की भी कोई कमी नहीं होने को कहा है। इसके बाद भी इन लोगों में बहुत ज्यादा चिंता है। क्योंकि अभी कुछ जगह पर इस तरह की व्यवस्था नहीं हो पाई है। ऐसे में श्रमिकों और मजदूरों को अपने घर लौटने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नजर नहीं आ रहा।