कोरोना महामारी की वजह से देश में चल रहे लॉक डाउन से सबसे ज्यादा गरीब मजदूर प्रभावित हुए हैं। सभी कामकाज बंद हो जाने की वजह से यह लोग विभिन्न राज्यों से अपने घर के लिए रवाना हो चुके हैं। कुछ सड़क मार्ग से तो कुछ है रेल मार्ग से पैदल भी अपने घर के लिए चल चुके हैं। ऐसे ही कुछ मजदूर अपने घर पहुंचने के लिए निकले थे और रेलगाड़ी की चपेट में आ गए जिसमें 16 मजदूरों की मृत्यु हो गई है।
यह सभी मजदूर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे और महाराष्ट्र के जालना में एक कंपनी में काम करते थे और वही रहते थे। 5 मई को करीब 20 मजदूर जालना से अपने घर मध्य प्रदेश के लिए रवाना हुए थे। कुछ सफल इन्होंने सड़क मार्ग से तय किया और इसके बाद वे रेल मार्ग पर चलने लगे। करीब 36 किलोमीटर पैदल चलने के बाद यह सभी महाराष्ट्र औरंगाबाद में बदनापुर प्रमाण रेलवे स्टेशन के पास रेलवे पटरी पर ही आराम करने लगे और सो गए। इसी दौरान एक मालगाड़ी वहां से निकली जिसकी चपेट में 16 मजदूर आ गए उनकी मृत्यु हो गई है जबकि अन्य जो पटरी के अगल-बगल लेटे हुए थे वह घायल है। इन सभी को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
पीएम मोदी ने रेल मंत्री से की बात
इस रेल हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया और कहा कि “महाराष्ट्र के औरंगाबाद में हुए रेल हादसे से बेहद आहत। रेल मंत्री पीयूष गोयल से बात की है और वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। आवश्यक सभी संभव सहायता प्रदान की जा रही है।”
मध्य प्रदेश के सीएम ने किया मुआवजे का ऐलान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि “औरंगाबाद से अपने घर लौट रहे कई श्रमिक भाइयों के ट्रेन हादसे में आकस्मिक निधन का दुखद समाचार मिला। ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति और परिजनों को यह गहन दु:ख सहन करने की शक्ति देने तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। विनम्र श्रद्धांजलि! आगे मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि मैंने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उधव ठाकरे से बात की है और यहां से 1 अधिकारियों की टीम विशेष विमान से भेज रहा हूं। जो वहां पर मृतकों के अंतिम संस्कार की व्यवस्था करेंगे और घायलों की हर संभव मदद करेंगे।” मुख्यमंत्री शिवराज ने मृतकों के परिवारजनों को पांच-पांच लाख रुपए देने का ऐलान भी किया है।