नवरात्री यानी कि नौ रातें। शरद नवरात्र हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं जिसे दुर्गा पूजा के नाम से भी जाना जाता है। नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है। इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं। मान्यता यह है कि इन नौ दिनों में जो भी सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं। यह पर्व बताता है कि झूठ कितना भी बड़ा और पाप कितना भी ताकतवर क्यों न हो अंत में जीत सच्चाई और धर्म की ही होती है।
इस बार नवरात्र 26 सितम्बर से शुरू हो रहे हैं। पूजा के दौरान इन खास नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है-
- नौ दिनों तक माता का व्रत रखें। अगर शक्ति न हो तो पहले, चौथे और आठवें दिन का उपवास अवश्य करें।
- पूजा स्थान में दुर्गा, लक्ष्मी और मां सरस्वती के चित्रों की स्थापना करके फूलों से सजाकर पूजन करें।
- नौ दिनों तक मां दुर्गा के नाम की ज्योति जलाएं।
- मां के मंत्र का स्मरण जरूर करें- ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै’
- इन दिनों में दुर्गा सप्तशती का पाठ अवश्य करें।
- मां दुर्गा को तुलसी दल और दूर्वा चढ़ाना मना है।
- पूजन में हमेशा लाल रंग के आसन का उपयोग करना उत्तम होता है। आसन लाल रंग का और ऊनी होना चाहिए।
- पूजा के समय लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है। वहीं इस दौरान लाल रंग का तिलक भी लगाएं।
- कलश की स्थापना शुभ मुहूर्त में करें और कलश का मुंह खुला न रखें।
- पूजा करने के बाद मां को दोनों समय लौंग और बताशे का भोग लगाएं।
- मां को सुबह शहद मिला दूध अर्पित करें। पूजन के पास इसे ग्रहण करने से आत्मा व शरीर को बल प्राप्ति होती है।
- आखिरी दिन घर में रखीं पुस्तकें, वाद्य यंत्रों, कलम आदि की पूजा जरूर करें।
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नवरात्र में इस दिन करें मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना
26 – सितम्बर, प्रतिपदा-नवरात्र के पहले दिन घट या कलश स्थापना की जाती है। इस दिन मां के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है।
27 – सितम्बर, द्वितीया-नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विधान है।
28- अक्तूबर, तृतीया-नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।
29- अक्तूबर, चतुर्थी-नवरात्र के चौथे दिन मां के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है।
30 – अक्तूबर, पंचमी-नवरात्र के 5वें दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने का विधान है।
01 – अक्तूबर, षष्ठी-नवरात्र के छठें दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है।
02 – अक्तूबर, सप्तमी-नवरात्र के सातवें दिन कालरात्रि की पूजा होती है।
03 – अक्तूबर, अष्टमी-नवरात्र के आठवें दिन माता के भक्त महागौरी की आराधना करते हैं।
04 – अक्तूबर,नवमी-नवरात्र का नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा और नवमी हवन करके नवरात्र परायण किया जाता है।
05 – अक्तूबर, दशमी-दुर्गा विसर्जन, विजयादशमी