ISRO NavIC जल्द होगा आपके Smart Phones में. क्यों है जरूरी जान लें –

.....आने वाले कुछ समय में चीनी स्मार्टफोन मेकर्स Xiaomi और Realme इस चिपसेट के साथ स्मार्टफोन्स लॉन्च करेंगी.

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घर से निकलते है, रास्ता नहीं पता तो झट से Google Map खोलते है. विश्वास है की यह सही रास्ता दिखाएगा। पर क्या आपको मालुम है की हम यह दूसरो के टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे हैं. पर अब जल्द ही इसकी जगह अपना यानी भारत का  GPS System (NavIC) ले लेगा.

अमेरिकी की एक कंपनी है Qualcomm, शायद नाम आपने भी सुना होगा, यह कंपनी चिप बनाती है. और भारत भी यही से खरीदता है. कंपनी ने भारत में Snapdragon 720G, 662 और 460 लॉन्च किए हैं. हाल ही में इस कंपनी ने भारत में तीन नए चिपसेट्स लॉन्च किए हैं. पर इस बार कुछ ख़ास किया है. लांच किये गए तीनो नए चिपसेट्स में इनबिल्ट ISRO NavIC का सपोर्ट दिया गया है.

ISRO NavIC, इंडिया का GPS System है। जिसका इस्तेमाल हम सही रास्ता, या सही ठिकाना जानने के लिए करते है. GPS की बात करें तो ये अमेरिकी सरकार का है. इस सैटेलाइट बेस्ड रेडियोनेविगेशन सिस्टम को अमेरिकी एयरफोर्स भी यूज करती है. अब इसी तरह की टेक्नॉलजी भारत के पास भी है और आने वाले समय में आपको स्मार्टफोन्स में ये देखने को मिलेगा.

कंपनी ने इनमें Indian Constellation यानी NavIC का सपोर्ट दिया है. नैविक को भारत की स्पेस एजेंसी ISRO ने डेवेलप किया है. आप इसे Indian GPS कह सकते हैं.

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आने वाले कुछ समय में चीनी स्मार्टफोन मेकर्स Xiaomi और Realme इस चिपसेट के साथ स्मार्टफोन्स लॉन्च करेंगी. इन स्मार्टफोन में NavIC सपोर्ट दिया जाएगा. 2016 में NavIC की शुरुआत की गई थी. अब जल्द ही ये स्मार्टफोन्स में देखने को मिलेगा.

ISRO ने NavIC के लिए आठ सैटेलाइट्स बनाए हैं जिनमें से सात सैटेलाइट्स लोकेशन, टाइमिंग, नेविगेशन और पोजिशनिंग बताएंगे. जबकि 8वां सैटेलाइट मैसेजिंग सर्विस देगा.

ISRO के चेयरमैन डॉ. के. सीवन ने कहा है, ‘अलग अलग मोबाइल प्लेटफॉर्म पर NavIC की उपलब्धता स्मार्टफोन्स में जियोलोकेशन क्षमता को बेहतर करने में मदद करेगी. इससे भारतीय कस्टमर्स को भारत का ही सल्यूशन हर दिन यूज करने को मिलेगा’

बताया तो ऐसा जा रहा है की NavIC का उपयोग सिर्फ स्मार्टफोन्स में ही नहीं, बल्कि प्लान ये भी है कि इंडिनय एयरफोर्स के लिए भी NavIC का यूज किया जाएगा. फाइटर जेट्स में नेविगेशन सिस्टम के लिए भी इसका यूज किया जा सकता है. इसके अलावा 1 अप्रैल 2019 के बाद रजिस्टर सभी कमर्शियल व्हीकल में भी NavIC ट्रैकर अनीवार्य कर दिया गया है.

NavIC की कवरेज की बात करें तो ये भारत के लिए ही है और 1,500 किलोमीटर का एरिया कवर करता है. हालांकि बाद में इसका दायरा बढ़ाया जा सकता है.

देखना दिलचस्प ये होगा कि क्या NavIC स्मार्टफोन्स में अमेरिकी GPS को रिप्लेस कर पाता है या नहीं.

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