प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले ट्वीट कर कहा था की वो अपने सोशल मिडिया अकाउंट छोड़ रहे है। जिसके बाद सभी ने लोगों ने पीएम को ऐसा न करने को कहा। हलाकि बाद में पीएम ने स्पष्ट किया की अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर वो अपने सोशल मिडिया अकाउंट को महिलों को समर्पित करेंगे। आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है और पीएम ने अपने अकाउंट को 7 महिलों को समर्पित किया है।
स्नेहा मोहनदास
जो महिलाएं आज पीएम के सोशल मिडिया अकाउंट को संभल रही है। उनमे पहले नाम है स्नेहा मोहनदास का है,जो फ़ूड बैंक इंडिया नाम की संस्था चलती है। ये संस्था भूखे लोगों को खाना खिलाती है। इन्होने कहा की मई अपनी मां से प्रेरित हूँ जो बेघर और भूखे लोगों को खाना खिलाती थी। मैंने उनसे सीखा और फ़ूड बैंक इंडिया नाम से इस पहल की शुरुआत की।
मालविका अय्यर
दूसरी महिला का नाम है मालविका अय्यर। ये जब 13 साल की थी तो बीकानेर बमबलास्ट में इन्होने अपने हाथ खो दिए थे। इन्होने बताया की शिक्षा से इनको अपना आत्मविश्वास वापस मिला और प्राइवेट कोचिंग से पढ़ाई की। मालवीय ने परीक्षा राइटर की मदद से दी और 3 महीने की कड़ी मेहनत करके 97 प्रतिशत अंक प्राप्त किये। जब राज्य स्टार के अंक मिले तो मुझे APJ अब्दुल कलम से मिलने का मौका मिला। उसके बाद से मैंने कभी ीचे मुड़कर नहीं देखा और मुझे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार मिला है। मै दिव्यांगों को सार्वजनिक जगहों पर सरलता से प्रवेश दिलाने व भेदभाव को दूर करने के लिए काम कर रही हूँ। मुझे समाज ने अपनाया है और मै पीएम मोदी का धन्यवाद करना चाहती हूँ।
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आरिफा
तीसरी महिला का नाम आरिफा है, जो कश्मीर की रहने वालीं है। ये कश्मीर में रहकर ही कश्मीर के लिए ही काम करना चाहती है। आरिफा ने कश्मीर के पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित किया और कई महिलाओं को सशक्त बनाया। ये सब इन्होने पिछले सात सालों में किया है। आज आरिफा की वजह से कश्मीर में महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो रही है।
कल्पना रमेश
कल्पना रमेश जल संरक्षण के लिए काम करती है। इनका कहना है की जल बहुत कीमती है और ये हमे विरासत में मिला है। ये हमारी आने वाली पीढ़ियों को भी मिले इसके लिए जल संरक्षण करना बहुत जरुरी है। नदी,झीलों को हमे बचाना चाहिए और वर्षा के जल का संचयन करना चाहिए।
विजया पवार
महाराष्ट्र के बंजारा समुदाय से विजया पवार है। ये हस्तशिल्प में माहिर है और 20 सालों से इस क्षेत्र में काम कर रही है। हस्तकला विजया ने अपनी माता से सीखी थी और सादी के बाद अपने पति से सीखा। 2000 से 2004 तक इन्होने इसपर काम किया और 2004 में अपने NGO का रजिस्ट्रेशन कराया। हस्तकला में इन्होने अपने घर में महिलाओं को सिखाया फिर गांव की महिलाओं को हस्तकला सिखाई। आज 400 महिलाये इनके साथ काम करती है और अपने पैरों पर खड़ी है। पीएम मोदी का धन्यवाद करते हुए विजया पवार ने कहा की महिलाओं को प्रोत्साहित और सक्षम बनाने के लिए जो पीएम मोदी ने काम किया है, मै उनका धन्यवाद करती हूँ।
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विणा देवी
अगली महिला है विणा देवी जो बिहार की रहने वालीं है। ये 2013 से मशरूम की खेती कर रही है। इन्होने इस काम की शुरआत सिर्फ 1 किलो मशरूम के बीज खरीद कर की थी। खेती के लिए इनके पास जगह नहीं थी इस लिए मशरूम की खेती विणा देवी ने अपने पलंग के नीचे की थी। जो दर्शाता है की जहाँ चाह है वहां राह है। विणा देवी को उनके काम के लिए मुख्यमंत्री ने सम्मानित किया। घर में खेती के बारे में इन्होने 20 गांव में जाकर महिलाओं को बताया। विणा देवी इस समय सरपंच है और कई महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया है।
कलावती देवी
कानपूर की रहने वाली कलावती देवी स्वच्छता के लिए काम करती है। कलावती देवी जहाँ रहती थी वहां बहुत गंदगी रहती थी। इन्होने तय किया की वो लोगों को जागरूक करेंगी और अपने घर के आसपास के लोगों को इन्होने स्वच्छता के प्रति जागरूक किया और अभी तक हजारों शौचालय बनवा चुकी है। शुरुआत में इन्होने घूम-घूम कर पैसे इकठा किया और शौचालय बनवाये। इनको भी सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।