खुशबू चौहान को उसके साथी ने उसी की भाषा में दिया जवाब

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की एक महिला कांस्‍टेबल का देश भक्ति से ओतप्रोत एक वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खुशबू चौहान नाम की यह महिला जवान एक कार्यक्रम में अपनी स्‍पीच के दौरान आतंकियों, देश विरोधी नारे लगाने वालों और मानवाधिकारों की दुहाई देने वाले लोगों पर जमकर निशाना साधती दिख रही हैं। उन्‍होंने टुकड़े-टुकड़े गैंग पर भी जमकर हमला बोला। उनकी इस स्‍पीच को सोशल मीडिया पर बड़ी संख्‍या में लोग पसंद कर रहे हैं। इसी महिला की इस स्पीच में एक लाइन थी ,उठो देश के वीर जवानों तुम सिंह बनकर दहाड़ दो एक तिरंगा उस कन्हैया के सीने में गाड़ दो।ये लाइनें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक स्पीच की है। जिसमें महिला कांस्टेबल ने कन्हैया कुमार की छाती में झंडा गाड़ देने की बात कर रही हैं।

लोगो ने की स्पीच की आलोचना

बता दें की उठो देश के वीर जवानों तुम सिंह बनकर दहाड़ दो एक तिरंगा उस कन्हैया के सीने में गाड़ दो।ये लाइनें सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक स्पीच की हैं। जिसमें एक महिला कांस्टेबल कन्हैया कुमार की छाती में झंडा गाड़ देने की बात कर रही हैं। उस महिला कांस्टेबल का नाम है खुशबू चौहान। इस वीडियो में वह न केवल कन्हैया कुमार की हत्या की बात कर रही हैं। बल्कि मानवाधिकारों की बात करने वालों को भी बुरा-भला सुना रही हैं। उसके स्पीच की हर दूसरी लाइन में ‘अरे मानव अधिकारों की बात करने वालों, अरे मानव अधिकारों के रक्षकों’ जैसे शब्द हैं। सरल भाषा में समझें तो उनके अनुसार, मानवाधिकार फ़ालतू की चीज है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब आलोचना हो रही है, तो कुछ लोग खुशबू के समर्थन में भी आए हैं क्योंकि खुशबू अपने स्पीच में अति-राष्ट्रवाद की अच्छी-खासी डोज दे रही हैं।

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खुशबू चौहन को उनके साथी ने दिया जवाब

एक ऐसे समय में जब गोडसे अमर रहे ट्रेंड कर सकता है, तब एक तबके का खुशबू चौहान के हिंसक और बेहुदे भाषण का समर्थन करना हमें आश्चर्य में नहीं डालता है। लेकिन जिस मंच से खुशबूू अपना भाषण खत्म करके उतरीं। उसी मंच पर एक और शख्स ने स्पीच दिया। जो खुशबू के अतिराष्ट्रवाद पर मानववाद का पक्ष लेते दिखाई दे रहे हैं। उस शख्स का नाम बलवान सिंह है। बलवान सिंह असम रायफल में रायफल मैन हैं। ये स्पीच इतना जबरदस्त है कि आपको अपनी सेना के इस जवान पर गर्व होगा।

सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा एक डिबेट का आयोजन किया गया। जिसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीएपीएफ आदि सेनाओं के जवानों ने भाग लिया। इस डिबेट का विषय था- ‘मानव अधिकारों का अनुपालन करते हुए देश में आतंकवाद एवं उग्रवाद से प्रभावी तरीके से निपटा जा सकता है।’ खुशबू ने इस विषय के विपक्ष में बोलना चुना। उन्होंने अपने स्पीच में ऐसी बातें कहीं जिसपर कोई समझदार नागरिक आपत्ति ही करेगा।क्योकि उसके स्पीच की हर दूसरी लाइन में ‘अरे मानव अधिकारों की बात करने वालों, अरे मानव अधिकारों के रक्षकों’ जैसे शब्द हैं। सरल भाषा में समझें तो उनके अनुसार, मानवाधिकार फ़ालतू की चीज है।

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