आज सोमवार को उच्चतम न्यायालय में जगन्नाथ यात्रा को लेकर एक बार फिर सुनवाई हुई। जिसमें केंद्र ने कहां की लोगों की भागीदारी के बिना रथ यात्रा का आयोजन की अनुमति दी जा सकती है। केंद्र के इस कथन के पक्ष में उड़ीसा सरकार ने भी कहा कि कुछ प्रतिबंधों के साथ रथ यात्रा को आयोजित किया जा सकता है।
मालूम हो इससे पहले 18 जून को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई की थी और कोरोना महामारी के चलते रथयात्रा को अनुमति ना देने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा था कि कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए इस बार रथयात्रा को अनुमति नहीं दी जा सकती। क्योंकि इसमें लाखों लोगों को संक्रमण का खतरा है। इस बार जगन्नाथ भगवान हमें क्षमा कर देंगे।
लेकिन इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक और याचिका डाली गई। जिसमें जगन्नाथ यात्रा को लेकर पुनर्विचार करने को कहा गया। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। बता दें इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में चार याचिकाएं हैं। जगन्नाथ यात्रा को इस वर्ष रद्द करने की पहली याचिका उड़ीसा के एक एनजीओ द्वारा डाली गई थी इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया था लेकिन अब यात्रियों को अनुमति देने के लिए एक बार फिर विचार हो रहा है।
यदि जगन्नाथ रथ यात्रा को अनुमति दी जाती है तो इसके लिए बहुत सावधानी बरतनी होगी। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए रथ यात्रा में लोगों को अनुमति नहीं होगी और पुजारी सहित मुख्य लोग ही इस रथ यात्रा में शामिल हो सकेंगे।