अगर सरकार है दोषी,तो हम और आप क्या है?

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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर लगातार हमारे देश में प्रदर्शन हो रहे है। लगातार हमारा देश जल रहा है। यह प्रदर्शन की आग बढ़ती ही जा रही है। देखा जाये तो हमारा देश केवल एक आग का गोला बना कर रह गया है। इसमें सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है की जो लोग प्रदर्शन कर रहे है। उनमे से आधे से ज्यादा लोगो को अभी तक यह ही नहीं पता की वे आखिर इतना प्रदर्शन क्यों कर रहे है। उनको ये ही नहीं पता की आखिर CAA होता क्या है।

धरती पर मडरा रहा है खतरा

जब से हमारे देशी में यह नागरिक संशोधन कानून बना है तब से लेकर आज तक एक दिन भी ऐसा नहीं गया जहाँ प्रदर्शन न हुआ हो या वाहन न फुके गए हो। एक तरफ सरकार और जनता कहती है की देश को प्रदूषण मुक्त करो।प्रदूषण मुक्त देश बनाओ वहीँ दूसरी तरफ यही लोग खुद ही लगातार देश को प्रदूषित कर रहे है। इस तरह से लगातार हो रहे प्रदर्शन से देश को और जनता को बहुत सी मुश्किलों का सामना का सामना करना पड़ रहा है।

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यदि ऐसा ही रहा तो नहीं बचेगी धरती

आपको बता दे की इस प्रदर्शन से लगातार देश के वातावरण को नुकसान हो रहा है। इस प्रदर्शन में हो रहे शोर से वातावरण अशांत सा हो गया है। ध्वनि प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके साथ ही जो ये लोग आग लगा रहे है वाहन फूक रहे है। इससे लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। अभी बीते दिनों में ही देश की राजधानी और अन्य शहरों  वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहा था। किसी तरह इस बढ़ाते प्रदूषण को काम करने की कोशिश की गई। जितना प्रदूषण कम हुआ उससे कई ज्यादा फिर बढ़ गया।

भारत देश की स्थिति है ख़राब  

इतना ही नहीं इसके साथ ही जहाँ प्रदर्शन के दौरान आग लगाई जा रही है। वाहन फूके जा रहे है। उनकी आग को बुझाने के लिए पता नहीं कितना पानी बर्बाद किया जा रहा है।देखा जाये तो धरती पर जल,वायु,वातवरण,मिटटी सब धीरे-धीरे नष्ट होता जा रहा है। ऐसी ही स्थिति रही तो धरती को कोई नहीं बचा सकता।

क्या करेंगे सब नागरिकता का जब धरती ही नहीं रहेगी

आपको पता है की लगतार बढ़ रहे प्रदूषण से हमारे धरती पर कई नदियाँ सूखने लगी है। ओजोन स्तर लगतार घटता जा रहा है। इसके घटने के कारण ध्रुवीय प्रदेशों पर जमा बर्फ पिघलने लगी है तथा मानव को अनेक प्रकार के चर्म रोगों का सामना करना पड़ रहा है। ये रेफ्रिजरेटर और एयरकंडिशनर में से उपयोग में होने वाले फ़्रियोन और क्लोरोफ्लोरो कार्बन (CFC) गैस के कारण उत्पन्न हो रही समस्या है।

जिस धरती की गोद में पल रहे है उसी को हानि पंहुचा रहे है लोग

आज हमारा वातावरण दूषित हो गया है। वाहनों तथा फैक्ट्रियों से निकलने वाले गैसों के कारण हवा प्रदूषित होती है। मानव कृतियों से निकलने वाले कचरे को नदियों में छोड़ा जाता है। जिससे जल प्रदूषण होता है। लोंगों द्वारा बनाये गये अवशेष को पृथक न करने के कारण बने कचरे को फेंके जाने से भूमि प्रदूषण होता है। इन सब से तो जो प्रदूषण हो रहा है वो तो है ही साथ ही जनता खुद ही इस धरती को नष्ट करने में लगी है। यदि ऐसा ही रहा तो ये धरती जल्द ही नष्ट हो जाएगी और जब धरती ही नहीं रहेगी तो ये जो लोग अपने अपने हक़ के लिए लड़ रहे है। तो क्या करेंगे इस हक का और  ऐसी नागरिकता का।

जानिए क्या है CAB और इसके नियम

दरअसल CAA को भारतीय संसद में 11 दिसंबर, 2019 को पारित किया गया। जिसमें 125 मत पक्ष में थे और 105 मत विरुद्ध। राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी भी दे दी गई। मोदी सरकार और उसके समर्थक जहां इसे ऐतिहासिक कदम बता रहे हैं। वहीं विपक्ष, मुस्लिम संगठन द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा हैं। आपको बता दे की नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के असर में आने के बाद कोई भी व्यक्ति जो भारत देश का नागरिक है। वह व्यक्ति अपनी नागरिकता नहीं खोएगा। यहाँ तक की यह कानून किसी को भी वर्तमान नागरिकता से वंचित नहीं करता।

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