केंद्रीय मंत्री और पूर्व आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया कि किस तरह से दोनों सेनाओं में झड़प हुई और इतना बड़ा नुकसान हुआ।
वीके सिंह ने कहा कि भारतीय सेना चीनी सैनिकों की पोजीशन देखने गई थी। क्योंकि चीनी सैनिकों ने हमसे इजाजत लेकर पेट्रोलिंग पॉइंट 14 के नजदीक टेंट लगाया था और उन्हें वापस जाना था। भारतीय सेना जब वहां पहुंची तो उन्होंने देखा कि चीनी सैनिक अभी वापस नहीं गए हैं। जिसके बाद दोनों सेनाओं में बहस हुई हमारे कमांडिंग ऑफिसर ने तंबू हटाने का आदेश दिया जिसके बाद चीनी सैनिक तंबू हटा रहे थे लेकिन तभी आग लग गई। जिसकी वजह से दोनों सेनाओं में झड़प हो गई।
भारतीय सेना चीन सेन पर हावी हो गई थी तभी चीन और सैनिकों को बुला लिया और भारतीय सेना में भी। लेकिन चीन के सैनिक जल्दी वहां पहुंच गए। उस समय वहां पर अंधेरा था और 500 से 600 सैनिकों के बीच झड़प हुई। पहले हमारे 3 जवान घायल हुए थे और चीनी सैनिकों से झड़प के दौरान भारतीय और चीनी दोनों सैनिक नदी में गिरे और चोट लगने की वजह से भारत के 17 जवान शहीद और 70 घायल हुए थे।
पूर्व सेना अध्यक्ष वीके सिंह ने आगे कहा कि चीन ने यह बात कभी नहीं बताएगा कि उसके कितने सैनिक घायल हुए और कितने मारे गए। जो संख्या पहले बताई जा रही थी वह सही नहीं है। सही आंकड़े चीन ही बता सकता है। पिछले 5 से 6 सालों में भारत और चीन सैनिकों के बीच सीमा पर कई बार झड़प हुई है।