सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने सबसे बड़े अयोध्या मामले पर आज अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है। जिसमे विवादित जमीन को कोर्ट ने श्रीराम जन्म स्थान मानते हुए अयोध्या में राम मंदिर बनाने का फैसला दिया है। साथ ही मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने किया है। ये फैसला देने के साथ ही आज का दिन और इन जजों का नाम इतिहास के पन्नो में दर्ज हो गया है।
अब इस फैसले के आने के बाद लोगो ने सरकार से यूनिफार्म सिविल कोर्ट की माँग की है। आपको बता दे की यूनिफॉर्म सिविल कोर्ट बीजेपी के घोषणा पत्र का एक वादा है। ये वो एक अहम मुद्दा है की जिससे सभी सरकार मुँह फेरती रही है। बता दे की धारा 370, तीन तलाक जैसे मुद्दो पर फैसला आने के बाद अब अयोध्या विवाद पर भी फैसला आ गया है इस कारण देश में एक बार फिर से, एक देश और एक कानून को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। बीजेपी समेत कई राजनितिक दल देश में यूनिफार्म सिविल कोर्ट लाने की माँग कर रहे है।
Now that the BJP has secured an absolute majority, what is its plan of action on article 370, uniform civil code and Ram mandir ?
— Rana Ayyub (@RanaAyyub) May 16, 2014
बात दे की अभी हमारे देश में शादी ,तलाक ,जमीन जैसे मामलो का निपटारा लोग अपने पर्सनल लॉ से करते है। हमारे देश में हिन्दू,मुस्लिम,ईसाई सिक्ख जैसे तमाम धर्मो के अपने अपने पर्सनल लॉ होते है। सिक्ख,बौद्ध,जैन ये सब हिन्दू पर्सनल लॉ के तहत आते है। लेकिन यूनिफार्म सिविल कोर्ट क्या है ? इसके आने से क्या होगा ? आइये जानते है इस बारे में….
जानिए यूनिफार्म सिविल कोर्ट क्या है
आपको बता दें की यूनिफार्म सिविल कोर्ट का मलतलब समान नागरिक संहिता अथवा समान आचार संहिता का अर्थ एक धर्मनिरपेक्ष कानून होता है। जो सभी धर्म के लोगों के लिये समान रूप से लागू होता है। हमारे इस देश के लोकतंत्र में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक जैसा कानून है चाहे वह व्यक्ति किसी भी धर्म से ताल्लुक रखता हो।इसके साथ ही शादी,जमीन जायजाद जैसे मामलो में एक जैसा कानून लागू होता है। बता दे की अभी हमारे देश में सभी धर्मो के लिए पर्सनल लॉ है। लेकिन सिविल कोर्ट के आने से सभी के लिए एक जैसा कानून होगा। हालाँकि इस तरह का कानून अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया जा सका है।गोवा एक मात्र ऐसा राज्य है जहां यह अभी लागू है।