विश्व मृदा दिवस आज, जाने इस दिन को मनाने का महत्व

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आज दुनियाभर में विश्व मृदा दिवस (World Soil Day- 2019) मनाया जा रहा है। हर साल 5 दिसंबर को यह दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद किसानों तथा आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। किसानो द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीड़ेमार दवाओं के उपयोग से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आ रही है जिसके कारण दुनिया के बहुत से हिस्सों में उपजाऊ मिट्टी बंजर होती जा रही है और प्रदुषण का शिकार हो रही है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2013 को 68वीं सामान्य सभा की बैठक किया था जिसमे 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का फैसला लिया गया था। जिसके बाद 5 दिसंबर 2014 को पहली बार पूरी दुनिया में विश्व मृदा दिवस मनाया गया था। पिछले साल विश्व मृदा दिवस (World Soil Day- 2018) का विषय ‘मृदा प्रदूषण रोको’ था। इस दिन को खाद्य व कृषि संगठन द्वारा मनाया जाता है।

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ने के लिए साल 2015 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (SHC) चालू किया था जिसमे कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय ने देशभर में 14 करोड़ एसएचसी जारी करने का लक्ष्य तय किया था। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research) के उप महानिदेशक डॉ. रणधीर सिंह ने विश्व मृदा दिवस को लेकर एक बार कहा था कि “खेती के तौर-तरीकों और वातावरण में हुए बदलाव का असर मिट्टी और पानी दोनों पर पड़ा है”। आज दुनियाभर की संपूर्ण मृदा का 33% हिस्सा पहले से ही पूरी तरह बंजर (Degraded) हो चुका है।

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