कोविड-19 को लेकर लखनऊ के निजी अस्पतालों के लिए जारी दिशा-निर्देश

Guidelines for private hospitals
image source - google ।image by scroll

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित निजी अस्पतालों के लिए सरकार ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निजी अस्पतालों में कोविड-19 को लेकर सील करने की कार्यवाही की जगह अब अस्पताल को दो हफ्तों के लिए बंद किया जाएगा।

इन दिशानिर्देशों को लेकर एक विज्ञप्ति आईएमए लखनऊ की अध्यक्ष डॉक्टर रमा श्रीवास्तव व सचिव डॉक्टर जेडी रावत द्वारा जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि यह दिशा निर्देश मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेंद्र अग्रवाल के साथ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन लखनऊ की अध्यक्ष डॉक्टर रमा श्रीवास्तव, लॉंग्स की सचिव डॉ प्रीति कुमारी, आईएमए लखनऊ के नर्सिंग होम सेल के चेयरमैन डॉ अनूप अग्रवाल, आईएमए यूपी के पूर्व उपाअध्यक्ष डॉ रुखसाना खान, एपीजीएल की सेक्रेटरी डॉ निधि जौहरी की बैठक के बाद तैयार किए गए हैं।

➤ इन दिशानिर्देशों के अनुसार सभी मेडिकल स्टाफ को सुबह 9:30 बजे से पहले अस्पताल में पहुंचना होगा तथा शाम 6:00 बजे के बाद ही अस्पताल छोड़ना होगा।

➤ जिन डॉक्टरों को इमरजेंसी में निकलना पड़ सकता है,
उनके लिए सीएमओ ऑफिस से ग्रीन पास जारी किया जाएगा।

➤ पैदल चलने वाले, साइकिल, स्कूटी चालकों के लिए पास की जरूरत नहीं होगी।

कोरोना पॉजिटिव निकला पिज्जा ब्वॉय, 72 परिवार किए गए क्वॉरेंटाइन

➤ जो अस्पताल कोविड-19 में तब्दील होने के लिए तैयार हैं। वे सीएमओ को सूचित करेंगे। तथा आने वाले मरीजों से उपचार के लिए वह चार्ज ले सकते हैं।

➤ स्त्री एवं प्रसूति मरीजों और इमरजेंसी वाले मरीजों को संक्रमण से बचाने के लिए बरती जाने वाली सावधानियों जैसे पी पी ई किट, दस्ताने, मास्क, सैनिटाइजर आदि का प्रयोग करते हुए देखा जाएगा।

➤ अगर कोई मरीज हॉटस्‍पॉट क्षेत्र से आया है या किसी मरीज को  कोरोना संदिग्ध पाया जाता है तो उसकी जांच के लिए अधिकृत पैथोलॉजी आरएमएल पैथोलॉजी (डॉ वंदना मेहरोत्रा) के पास या फिर  सरकारी केंद्र पर भेजा जाएगा।

➤ नियमित ओपीडी और ऐच्छिक सर्जरी को अभी नहीं किया जाएगा।

➤ प्रत्येक मरीज को संभावित कोरोना संक्रमित रोगी के रूप में समझना होगा।

➤ यदि किसी मरीज की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आती है और पूर्व में उसने किसी निजी अस्पताल से संपर्क किया है तो ऐसी स्थिति में उस अस्पताल को 2 हफ्ते के लिए बंद कर दिया जाएगा, सील नहीं।

➤ सरकारी अस्पताल पहले से ही मरीजों के बोझ से दबे हुए हैं ऐसी स्थिति में बड़े निजी अस्पताल जिनके पास आईसीयू, आइसोलेशन और अन्य उपचार की सुविधा मौजूद है। वे आगे आएं और  अपने अस्पताल को कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार करें।

➤ इन दिशानिर्देशों के अनुरूप व्यवस्था को जरूरत पड़ने पर 30 जून 2020 तक बढ़ाया भी जा सकता है।

About Author

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

sixteen − seven =