उत्तर प्रदेश भारत का एक बहुसंख्यक राज्य है, बहुसंख्यक राज्य होने के कारण उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी भी अधिक है। अगर हम बात करें पूरे भारत में बेरोजगारी की तो भारत बेरोजगारी में एशिया में शीर्ष पर है। जब देश में ही बेरोजगारी का कहर छाया हुआ है तो देश के प्रदेशों में बेरोजगारी होना आम बात है।
चूंकि उत्तर प्रदेश भारत का एक बहुसंख्यक राज्य है इसलिए इस राज्य में बेरोजगारी भी अधिक है। प्रदेश में युवा सबसे ज्यादा बेरोजगारी का शिकार है। प्रदेश में ऐसी हालत देखकर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता योजना का संचालन किया है।
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उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के बेरोजगार लोगों को एक निश्चित धनराशि प्रदान करना है जिससे बेरोजगार लोग अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें और इन पैसों को अपनी कौशल में लगा सकें। उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता योजना के तहत बेरोजगारों को प्रदेश सरकार 1000 रुपये की धनराशि प्रति माह प्रदान करती है।
यह धनराशि लाभार्थी को तब तक प्रदान की जाएगी जब तक की लाभार्थी कोई सरकारी या प्राइवेट नौकरी नहीं पायेगा। सरकार का मानना है की बेरोजगार लोग इस भत्ते से अपने कौशल का उपयोग कर सकते है और अपने आप को एक रोजगार पूर्ण बना सकते हैं।
बेरोजगारी भत्ता पाने की योग्यता
- आवेदक उत्तर प्रदेश का मूल निवासी हो।
- आवेदक के परिवार की वार्षिक आय 36000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- आवेदक की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता कक्षा 10 उत्तीर्ण होना चाहिए।
- आवेदक वर्तमान में किसी भी सरकारी या प्राइवेट संस्था में नौकरी न करता हो।
- आवेदक की उम्र 25 वर्ष से 40 वर्ष के बीच में होनी चाहिए।
ऑनलाइन आवेदन करने की प्रक्रिया
- सबसे पहले आप उत्तर प्रदेश बेरोजगारी भत्ता योजना के ऑफिसियल वेबसइट पर जाएँ।
- इसके बाद आप अपना पंजीकरण करें
- पंजीकरण करने के बाद फॉर्म को खोलें
- फॉर्म में पूछी गई जानकारी को ध्यानपूर्वक भरें
- पूरा फॉर्म भरने के बाद सबमिट कर दें
ऑनलाइन आवेदन में लगने वाले दस्तावेज
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- निवास प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- कक्षा 10 या 12 की मार्कशीट
10 रुपये का गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर
निष्कर्ष: इस पोस्ट में हमने जाना कि बेरोजगारी भत्ता कैसे मिल सकता है और इसे पाने की योग्यता, दस्तावेज और प्रक्रिया क्या है।