गोंडा की महिलाओं ने की देश के प्रधानमंत्री से बात…

Prime Minister spoke Gonda's women
Gonda

गोंडा :। खुदी कर इतना बुलंद की खुदा भी पूछे बता तेरी रजा क्या हैं ‘ जी हां उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले के हलधरमऊ विकास खण्ड के कमालपुर गांव के विशुनपुर की रहने वाली दस महिलाओं के समूह नें आत्मनिर्भरता की मिसाल कायम कर ऐसी नर्सरी तैयार की कि उसकी खुशबू दिल्ली तक पहुंचते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी स्वयं को रोक नहीं सके और उन्होनें स्वयं नजीर बनी सहायता समूह की इन महिलाओं से आज गरीब कल्याण रोजगार योजना के उद्‌घाटन के दौरान बात की।

देशभर की बेरोजगार महिलाओं के लिये प्रेरणास्रोत बनी सब्जी और फलों की खेती करने वाली महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान डेढ़ लाख से ज्यादा पौधों की नर्सरी तैयार कर ली।

हलधरमऊ विकास खण्ड के कमालपुर गांव में धनगर स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष विनीता पाल नें शुक्रवार को पीएम मोदी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बात करने के पश्चात बताया कि वे प्रधानमंत्री से संवाद कर उन्हें नर्सरी की खेती के बारे में बताकर काफी गौरान्वित महसूस कर रही हैं।

उन्होनें बताया कि पीएम नें उनके हौसलों को पंख लगाकर आत्मनिर्भरता की और ऊंची उड़ान भरनें के लिये प्रेरित किया। श्रीमती पाल नें बताया कि खंडवार बनायी गयी कई नर्सरी में सागौन, जामुन, अर्जुन, बेल, अमरूद, सहजन, आम और यूकेलिप्टस के करीब 22 लाख पचास हजार पौधे हैं।

हर पौधे की औसतन कीमत 15 रुपये हैं। इससे समूह को लगभग चालीस लाख की धनराशि में सभी पौधों को बिक्री करने का अवसर मिल रहा हैं । लॉकडाउन के दौरान जहां बहुत से लोग बेरोजगारी की निराशा से डूबने लगे वहीं कोरोना महामारी जैसी आपदा को भी इन महिलाओं ने आत्मनिर्भरता से स्वरोजगार के अवसर में बदल दिया। सब्जी और फलों की खेती करने वाली समूह की इन महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान डेढ़ लाख से ज्यादा पौधों की नर्सरी तैयार कर ली। नर्सरी में तैयार 22.50 लाख रुपये की तैयार पौधों को मनरेगा के तहत पौधरोपण के लिए सात रुपये से पन्द्रह रुपये तक खरीद लिया गया है। इसके अलावा निजी संस्थानों को भी अधिकतर पौधों की बिक्री की जा चुकी हैं।

उन्होनें बताया कि वर्ष 2018 मे प्रति वर्ष तीस हजार किराया खर्च कर समूह नें गांव मे जमीन ली फिर उसे मेहनत व लगन से समूह मे शामिल सभी दस महिलाओं नें खेतिहर बनाकर नर्सरी तैयार की और पिछले वर्ष पौधों की बिक्री से तीन लाख पचास हजार का मुनाफा भी कमाया। उन्होनें बताया कि नर्सरी की चर्चा फैलते ही अधिकारियों नें इसे मनरेगा से जोड़ने के साथ आजीविका मिशन के तहत रिवॉल्विंग फंड का 15000 रुपया समूह को दिया।

उन्होनें बताया कि आसपास के जिलो से भी लोग अब उनके पास आकर नर्सरी के बारे में जानकारी ले रहे हैं। नर्सरी के पौधों की मांग आस-पास क्षेत्रों के साथ ही पूरे देवीपाटन मण्डल में हैं। उन्होनें बताया कि समूह नर्सरी के साथ-साथ फूलों और सब्जियों की खेती भी कर रहा हैं, जिससे उनके परिवारों को आर्थिक मदद मिल रही हैं ।और आवश्यकता पड़ने पर वे दूसरे गरीब परिवारों की भी मदद करती हैं । उन्होनें बताया कि राष्ट्रीय आजीविका मिशन के प्रदेश निदेशक सुजीत कुमार ने मंगलवार को विशुनपुर गांव पहुंचकर धनगर स्वयं सहायता समूह द्वारा तैयार की गई नर्सरी का निरीक्षण किया।

रिपोर्ट :- अतुल कुमार यादव

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