गोंडा :। खबर यूपी के गोंडा से है जहां लॉकडाउन के बाद प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का दावा किया जा रहा है और लगभग सभी ग्राम पंचायतों में प्रवासी मजदूरों को कुछ काम दिया गया लेकिन अगर 02 साल पीछे की बात करें तो गोंडा के हलधरमऊ विकासखंड के ग्राम मलोना में तालाब के जीर्णोद्धार और साफ सफाई के नाम पर एक बड़ा घोटाला सामने आया है।
एक ही तालाब का तीन अलग-अलग नाम दिखाकर बिना काम कराए पैसा निकाल लिया गया है और अभिलेखों में तो मजदूरों द्वारा काम करवाने को दर्शाया गया लेकिन मौके पर तालाब के साफ-सफाई की स्थिति बद से बदतर है एक ही तालाब को तीन अलग-अलग नाम दिखाकर बिना काम करवाएं पैसा निकाल लिया गया है।
इसकी शिकायत स्थानीय लोगों ने कई बार जिला प्रशासन से की लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है जिससे ग्रामीण इसका विरोध करने को मजबूर है। अब जिले के मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी का कहना है कि इस ग्राम पंचायत की जांच पहले से ही चल रही है अगर इस तरीके की जानकारी हमें आपके माध्यम से मिला है और बिना काम करवाएं तालाब के पैसा का बंदरबांट किया गया है तो मैं इस ग्राम पंचायत की बीते तीन सालों में हुए मनरेगा कार्यों की जांच खंड विकास अधिकारी हलधरमऊ से करवाने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
वही इस पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी शशांक त्रिपाठी का कहना है की विकासखंड हलधर मऊ के ग्राम मलोना से एक शिकायती पत्र आया था जांच वर्तमान मेंं जो खंड विकास अधिकारी है मैंनेे उनको दी है और अभी उससे बात भी हुई है इसी शनिवार को उन्होंने जांच भी की है और संभवत एक-दो दिन के अंदर उसकी रिपोर्ट दे देंगे अगर वहां की शिकायतें ज्यादा है तो हम एक आर्डर कर रहे हैं कि उस ग्राम पंचायत में पिछले दो-तीन सालों में मनरेगा के तहत जो कार्य कराए गए हैं उसकी जांच करा ली जाए। जिससे की स्थिति सामने आ जाए अगर बिना काम कराए तीन बार तालाब का पैसा निकाला गया है तो बहुत ही गंभीर प्रकरण है और वित्तीय अनियमितता है और साथ ही साथ जो मजदूर काम करना चाहते हैं उनको काम ना देकर गड़बड़ कर लेने का प्रकरण बहुत ही गंभीर प्रकरण है इसमें शख्त कार्यवाही का प्रावधान है।
रिपोर्ट :- अतुल कुमार यादव