फर्जी दस्तावेज से करोड़ो का लोन लेने वाले गिरोह का पर्दाफाश

जाली दस्तावेजों के जरिए फर्जी फर्म के नाम पर लोन स्वीकृत कराकर पैसे हड़पने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ। सिविल लाइंस पुलिस ने गिरोह के चार लोगों को गिरफ्तार किया। उनके पास से नकली मोहरें, आधार कार्ड, चेक-बुक बरामद की हुए है। पुलिस ने बताया कि इनमें से एक व्यक्ति एक नेता का काफी करीबी रहा है।

दो महीने पहले सिविल लाइंस थाने में अतरसुइया के राहुल ने थाने में लोन पास कराने के नाम पर धोखाधड़ी और हेराफेरी का मुकदमा दर्ज कराया था।गुरुवार को उपनिरीक्षक राजेश कुमार सिंह और अनिल कुमार सिंह ने गिरोह के चार जालसाज को गिरफ्तार कर लिया। दरअसल सीओ सिविल लाइंस बृज नारायण सिंह के पर्यवेक्षण में गहराई से की गई जांच में जालसाज गिरोह का पर्दाफाश हुआ था।

बजाज फाइनेंस कंपनी से एक करोड़ से ज्यादा का लोन हड़पा 

एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव ने बताया कि गिरफ्तार आरोपितों में टैगोर टाउन कॉलोनी का अमरेश तिवारी, नैनी में चक रघुनाथ का पंकज अग्र्रवाल, टैगोर टाउन कॉलोनी का अमरेश तिवारी, मीरापुर का नितेश कुमार विश्वकर्मा और कालिंदीपुरम कॉलोनी का रुकमेश जायसवाल है। इन लोगों की फर्जी ढंग से लोन पास कराने में इस्तेमाल 35 पैन कार्ड, 52 चेकबुक, 34 आधार कार्ड, 72 फर्जी मोहर, 07 वोटर आइडी और 07 पासबुक बरामद किया गया है। इन लोगों ने पिछले दो-तीन साल में बजाज फाइनेंस कंपनी से फर्जी फर्म के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा का लोन पास कराकर रकम हड़प ली।

लोन मेले में 80 करोड़ क़र्ज़ बांटने की योजना

पुलिस को फर्जी लोन पास करने के 10 ताजा केस मिले हैं। उनमें आठ केस में सात-सात लाख रुपये यानी 56 लाख रुपये फाइनेंस कंपनी ने निर्गत कर दिए हैं। पुलिस की ओर से बैंकों को खाता सीज करने के लिए पत्र भेजा गया है। पता चला है कि इन्होंने कुछ सफेदपोशों को भी इस ढंग से लोन दिलाए हैं, पर पुलिस अधिकारी इस पर चुप्पी साढ़े हुए हैं।

गिरोह के लोगों की जालसाजी

बृजेश श्रीवास्तव के अनुसार, गिरोह का मास्टर माइंड पंकज अग्रवाल है। बजाज फाइनेंस कंपनी से जुड़ा पंकज ही अपने प्रयास से फर्जी लोन पास कराता था। गिरोह का नितेश लोन के लिए ग्राहक ढूंढ कर लाता था, अमरेश तिवारी लोन के लिए फर्जी कागजात तैयार कराता था, रुक्मेश जायसवाल फर्जी पहचान पत्र और खाते पर लोन जारी कराता था। लोन जारी कराने के बदले में वो सब ग्राहक से आधी से ज्यादा रकम खुद ले लेते थे। जैसे मुकदमा दर्ज कराने वाले राहुल के रिश्तेदार को दिलाए सात लाख के लोन में पांच लाख रुपये खुद ले लिए थे।

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