वायुसेना को मिलेगी नई शक्ति, 2KM पहले ही होगा बॉम्ब डिफ्यूज

...हम देखेंगें , तुम बॉम्ब फेको, हम देखेंगें ..

Defence Expo, DEFEXPO, Balakot Airstrike,
img. source - google.com

इंसानो की क्षति बचाने के लिए कुछ नए उपकरण सेना में शामिल किये जा रहे है, इनकी पेशकश लखनऊ में चल रहे Defence Expo पर लगे सेना के हथियारों के जखीरों में देखी जा सकती है. उनमे से एक ख़ास चीज़ है रोबोट।
अभी इस रोबोट को भारतीय वायुसेना में शामिल करने पर पूरी तरह फैसला नहीं हुआ है. लेकिन एयरफोर्स की ओर से इसके कई ट्रायल किए जा चुके हैं. इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने तैयार किया है, जिसका प्रदर्शन लखनऊ के Defence Expo में किया गया है. लखनऊ में 5 से 9 तारीख़ तक चल रहे Defence Expo में देश विदेश के बड़े बड़े हथियारों का प्रदर्शन किया जा रहा है.

.वायुसेना में जल्द शामिल हो सकता है रोबोट
.1000 KG. तक के बम को कर सकता है डिफ्यूज

बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान ने किया था पलटवार

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जारी Defence Expo से भारतीय सेना को नई ताकतें मिल रही हैं. इसी में से एक है भारतीय एयर फोर्स को मिलने वाला एक रोबोट जो कि 1000 किलोग्राम के बम को आसानी से डिफ्यूज़ कर देगा. फरवरी 2019 में बालाकोट एयरस्ट्राइक के वक्त जिस तरह के हालात बने, उसके बाद इस तरह के रोबोट की जरूरत ज्यादा हो गई.

बीते दिनों भारतीय एयरफोर्स के हमले के बाद जब पाकिस्तानी एयरफोर्स ने जवाब में भारत में बम फेंके, तो काफी मुश्किलें हुई थीं. पाकिस्तान ने जो बम फेंके थे वो फटे नहीं थे, अब ऐसी परिस्थिति में भारत को ये रोबोट मदद करेंगे. वायुसेना जल्द ही इन्हें खरीद सकती है.

DRDO के वैज्ञानिक आलोक मुखर्जी ने इस रोबोट के बारे में बताते हुए कहा, ‘भारतीय वायुसेना के साथ हमने इस रोबोट के कई ट्रायल किए हैं, कई लोकेशन पर बम डिफ्यूज़ करने की प्रैक्टिस भी की गई है’. इन रोबोट को एक मोबाइल सेंटर के जरिए कंट्रोल किया जाएगा, यानी बम डिफ्यूज़ के लिए मानवीय क्षमता की जरूरत नहीं होगी.

ख़ासियत

इस रोबोट की खासियत ये है कि इसे दो किमी. दूर से कंट्रोल किया जा सकता है. इसे कंट्रोल करने वाला व्यक्ति आसानी से बम की पहचान कर सकता है और उसे डिफ्यूज़ कर सकता है. गौरतलब है कि अबतक बम डिफ्यूज़ करने के लिए मानवीय बम दस्ते का इस्तेमाल होता था, जिसमें जान जाने का खतरा बना रहता था. लेकिन अगर ये रोबोट वायुसेना को मिलता है तो ये खतरा टल सकता है.

About Author