EPFO के जाने नियम, कब निकाल सकते है पैसा?

EPFO

Employees Provident Fund Organisation (EPFO) – ये सिर्फ प्राइवेट जॉब करने वालों के लिए होता है। क्योंकि प्रिवेट जॉब में शुरुआत में सैलरी ज्यादा नहीं होती। ऐसे में उनको अपने रोज के खर्चे के साथ अपने भविष्य के लिए कुछ पैसा बचा कर भी रखने की आवश्यकता होती है। इसी के लिए EPFO की शुरुआत की गयी थी। इसकी स्थापना 15 नवम्बर 1951 को हुई थी. सामान्य तौर पर इसको लोग PF बोलते है पर आधिकारिक भाषा में इसे EPF बोला जाता है.

इसमें कर्मचारी की सैलरी से कुछ पैसा EPFO में हर महीने जमा होता रहता है। उदाहरण के लिए यदि आपकी सैलरी 8000 रूपए प्रति माह है तो आपकी सैलरी से 12% पैसा कट कर EPF में जमा हो जायेगा। यानि 8000 में से – 12% काटने पर आपको 7040 रूपए मिलेंगे और 960 रूपए आपके EPFO में जमा हो जायेंगे। इस 12% में से 8.33% EPS यानि कर्मचारी पेंशन योजना में जमा होता है और बाकि का 3.67 % EPFO में जमा होता है। खास बात तो ये है की इस पैसे पर प्रतिवर्ष 8.8% ब्याज का भुगतान किया जाता है। इसका निर्धारण सरकार और केन्द्रीय न्यासी बोर्ड करता है।

EPFO से कितने साल बाद निकाल सकते है पैसा

EPF का पैसा आप 6 परिस्थितियों में निकल सकते है। कुछ परिस्थितियों में आप पूरा पैसा निकल सकते है। जैसे-

  1. Medical – इसमें आप EPF का पूरा पैसा 6 % निकाल सकते है।

2. Study या Wedding – form 31 के तहत आवेदन करना होगा और सबूत देना होगा। पढ़ाई के लिए आप जमा राशि का 50 % निकाल सकते है और ये आप 3 बार अपने सेवा काल में कर पाएंगे।

3. घर या जमीन लेने के लिए– कार्यकाल 5 वर्षों का होना चाहिए और इसके लिए आप एक बार ही पैसा निकाल सकते है। वो भी EPFO का 24 गुना। घर बनवाने के लिए आप 36 गुना निकाल सकते है।

4. रि-पेमेंट ऑफ होम लोन – कार्यकाल 10 साल का हो और आप एक बार ही इसके लिए EPFO का 36 गुना निकाल सकते है।

5. हाउस रिनोवेशन– कार्यकाल 5 वर्षों का हो और आप अपनी सैलरी का 12 गुना तक EPFO एक बार ही इस काम के लिए निकाल सकते है।

6. प्री-रिटायरमेंट– काम से काम आयु 54 वर्ष हो,ये भी आप एक बार ही 90 % तक निकाल सकते है
एम्पलॉईज पेंशन स्कीम में अगर आपका कार्यकाल 10 साल नहीं हुआ है तो आप पैसा निकाल सकते है पर 10 साल पूरे होने पर आप रिटायरमेंट के बाद ही पैसा निकाल पाएंगे।

नौकरी बदलने पर EPFO

यदि आप अपनी नौकरी छोड़ते है तो तुरंत पैसा नहीं निकाल सकते। यदि आप दो महीनों से बेरोजगार है तो तो आप EPF का पैसा निकाल सकते है। यदि आप नौकरी बदलते है तो आप अपना EPFO Account ट्रांसफर करवा लीजिये।

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वहीँ अगर आप 5 साल से पहले EPFO का पैसा निकलवाते है तो ये टैक्सबल है। 5 साल का मतलब ये नहीं की आप एक ही कम्पनी में लगातार काम किये हो। बस आपको इस बात का ध्यान रखना होगा की आपको EPFO Account को ट्रांसफर कराना होगा।

EPFO से जुड़े सवाल

EPFO के पैसे पर ब्याज मिलता है ?

कर्मचारी को EPS के अंतर्गत जमा पैसे पर ब्याज नहीं मिलता है। आपके EPFO पर जो ब्याज मिलता है उसपर कर देना पड़ेगा।

EPFO नॉमिनेशन की सुविधा है या नहीं?

आपको EPFO में नॉमिनेशन की सुविधा मिलती है और आप उसे जरुरत पड़ने पर बदल भी सकते है।

पेंशन मिलती है ?

EPFO में पेंशन मिलती है पर इसके लिए अपने 10 साल काम किया हो और यदि नौकरी बदली है तो EPFO account को ट्रांसफर कराया हो।
पेंशन आपको 58 वर्ष पूरी होने के बाद 1000 प्रति माह दी जाएगी और आपके बाद आपके परिवार को।

EPFO का पैसा कटवाने से मना कर सकते है या नहीं?

यदि आपकी सैलरी 15 हजार प्रति माह से ज्यादा है तो आप तो आप EPFO में पैसा जमा करने से मना कर सकते है। इसके लिए आप किसी कम्पनी में काम शुरू करने से पहले ही फॉर्म में EPFO में पैसा न जमा करने को चुनना होगा। यदि आप एक बार EPFO में पैसा जमा करने लगते है तो आपको ये हमेशा करना होगा।

EPFO का पैसा 6 माह से पहले निकाल सकते है?

आप ये पैसा निकाल सकते है। पेंशन का पैसा आपको 6 महीने से अधिक काम करने पर ही मिलेगा।

EPFO में पूरा पैसा किस तरह देते है?

eps
image source – google

जैसे की आपका कॉन्ट्रीब्यूशन और एम्पलॉयर कॉन्ट्रीब्यूशन दोनों को मिलाकरा[के Account में 4 लाख रूपए है और इसमें से 1 लाख रूपए आपकी पेंशन का है। अब आप अपने कार्यकाल के 6 वर्ष में ही पैसा निकलना चाहते है तो आपको पूरा पैसा नहीं मिलेगा। 4 लाख में से आपको 3 लाख रूपए मिलेंगे। यानि आपको EPFO का पैसा तो मिलेगा पर EPS का पैसा नहीं मिलेगा। EPS का पैसा आपको आपकी सैलरी और कार्यकाल के आधार पर मिलता है। जैसे- आपकी सैलरी 30 हजार रूपए है और आप 7 वर्ष में नौकरी को छोड़ रहे है तो 15 हजार रूपए महीने की काम से काम लिमिट के अनुसार 15000 X 7.54 = 113,100 रूपए मिलेंगे। ऊपर दी गयी Table से आप अपनी सैलरी और कार्यकाल के अनुसार कैलकुलेट करके देख सकते है। से Table D For EPS कहते है।

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