मोदी सरकार ने कोरोना वायरस (Covid-19) के खतरे को देखते हुए चेहरे के मास्क और हैंड सैनिटाइजर को एक ज़रूरी वस्तु घोषित कर दिया है ताकि इसकी कमी और कालाबाज़ारी को रोका जा सके। यह दोनों वस्तुएं जून के महीने तक ज़रूरी वास्तु बने रहेंगे। आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत दिए गए आदेश के तहत सरकार ने 2 प्लाई व 3 प्लाई सर्जिकल मास्क, N95 मास्क तथा हैंड सैनिटाइजर को 30 जून तक ज़रूरी वस्तु घोषित कर दिया गया है। इस अधिनियम का उल्लंघन करने पर 7 साल तक कि सज़ा का भी प्रावधान है।
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उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में मेडिकल स्टोर पर मास्क और हैंड सैनिटाइजर को महंगा करके बेचा जा रहा था जिसके चलते कई मेडिकल स्टोरों के चालान काटे गए हैं। गौतमबुद्धनगर में लीगल मेट्रोलॉजी डिपार्टमेंट से वीके यादव ने बताया है कि “प्रशासन को शिकायत मिली थी कि कुछ मेडिकल स्टोर चेहरे के मास्क और हैंड सैनिटाइजर को बढ़ी हुई कीमत पर बेच रहे हैं। संबंधित विभाग ने 40 मेडिकल स्टोरों पर जांच की और अधिक मूल्य निर्धारण के लिए 14 चालान जारी किए”।
VK Yadav,Legal Metrology Dept, Gautam Budh Nagar: Administration had received complaints that some medical stores are selling face masks&hand sanitisers at an increased price. The concerned department has conducted checks at 40 medical stores& issued 14 challans for over pricing pic.twitter.com/znkyi21D4S
— ANI UP (@ANINewsUP) March 14, 2020
कोरोना वायरस को देखते हुए चेहरे के मास्क और हैंड सैनिटाइजर पर लिए गए इस फैसले से केंद्र तथा राज्यों को इनके उत्पादन, वितरण एवं गुणवत्ता नियमित करने का अधिकार मिल गया है। आवश्यक उत्पाद की सूची में रखे जाने के बाद राज्य की सरकारों को उन सभी वेंडरों तथा दुकानदारों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर सकती हैं जो इन उत्पादों को बढ़ी हुई कीमतों पर बेचेंगी और इसी के तहत गौतमबुद्धनगर में यह कार्यवाही की गई है। सरकार अपनी ओर से लगातार यह प्रयास कर रही है कि चेहरे के मास्क और हैंड सैनिटाइजर की बिक्री में कोई भी कमी ना पड़े।