अधेड़ ने 15 साल की नाबालिग से निकाह कर, कराया धर्म परिवर्तन।

हापुड़ में 49 वर्षीय व्यक्ति ने 15 वर्षीय किशोरी का धर्म परिवर्तन करा पहले तो उससे निकाह किया और चार साल बाद तीन तलाक देकर छोड़ दिया। कानून बनने के बावजूद तीन तलाक के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे। आए दिन पीड़ित महिलाएं थानों या अधिकारियों के कर्यालयों में चक्कर काटने को मजबूर हैं। मुस्लिम महिला अधिनियम 2019 (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) के तहत तीन तलाक को अपराध के अंतर्गत रखा गया है. फिर भी इसके लागू होने से लेकर अब तक उत्तर प्रदेश में तीन तलाक के मामलों बढ़ते जा रहे है। कुछ ही हफ्तो में राज्य में ऐसे मामलों में तेजी आई है। शुक्रवार को भी तीन तलाक के पांच मामले सामने आए, जिसमें हापुड़ के एक मामले ने तो झकझोर के रख दिया।

नाम न छापने की शर्त पर एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘नि:स्संदेह तीन तलाक के मामलों में तेजी आई है, जो आश्चर्यचकित करने वाला है, क्योंकि इस मामले को लेकर पहले से ही कानून लागू है। हमें इसके पीछे कोई खास कारण नहीं दिख रहा, सिवाय इसके कि इस समुदाय के पुरुष प्रतिशोधवश ऐसा कर रहे हैं। अगस्त में लागु हुए कानून के अनुसार एक बार में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल की सजा हो सकती है. तब से राज्यभर में कानून का उल्लंघन कर तीन तलाक के तीन दर्जन से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। पुलिस को सूचित किए गए मामलों में कार्रवाई भी धीमी रही है।

वहीं हापुड़ के पिलखुवा में दहेज की मांग पूरी न होने पर तीन तलाक देकर पीड़िता को घर से निकाल दिया। इसके अलावा बिजनौर में जेठ की छेड़छाड़ का विरोध किया तो पति ने तलाक दे डाला। बुलंदशहर में तो साउदी अरब में रहने वाले शौहर ने फोन पर ही बीवी को तलाक दे दिया, मामले में एसएसपी ने जांच के निर्देश दिए हैं। ऐसे ही मुजफ्फरनगर में मेरठ की सरधना निवासी महिला को फोन पर तीन तलाक दे दिया। पीड़िता ने एसएसपी से न्याय की गुहार लगाई है।

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एएसपी बोले जाओ आपने माता पिता के साथ रहो 

चार साल पहले किशोरी का धर्म परिवर्तन करने के मामले में पुलिस का रोल बेहद ही निराशजनक रहा। आरोप है की शुक्रवार को जब पीड़िता परिजन के साथ एएसपी से न्याय की गुहार लगाने पहुंचे तो ,उन्होंने पीड़िता को आपने माता पिता के साथ रहने की सलाह दे डाली। हलांकि एएसपी ने पुराने मुकदमो का हवाला दे कर बचाव करते नजर आये।

चार वर्ष पूर्व हापुड़ में चाट का ठेला लगाने वाले की 15 वर्षीय नाबालिग बेटी को उससे करीब 34 साल बड़े उसके ही मकान मालिक अनवर (49) ने बहलाकर अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। आरोप है कि अनवर ने किशोरी को मेरठ स्थित एक मदरसे में ले जाकर उसका धर्म परिवर्तन कराकर उसका नाम रजिया रख दिया। बाद में किशोरी से निकाह कर चार सालों तक उसका उत्पीड़न किया। इस बीच किशोरी ने एक पुत्र को भी जन्म दिया। शुक्रवार को पीड़ित माता पिता एएसपी के समक्ष पेश हुए तो उन्होंने पीड़िता को वापस माता-पिता के साथ जाने की सलाह दे डाली।

पीड़ित परिजनों का आरोप है आरोपी अनवर उनकी बेटी को गलत कार्यों में धकेलना चाहता था। विरोध करने पर अनवार ने उनकी बेटी को तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया, जिसके बाद से वह सड़कों पर भटक रही थी। जानकारी होने पर उन्होंने अपनी बेटी को ढूंढा जो रेलवे स्टेशन पर मिली। आरोप लगाया कि जब वे शिकायत करने थाने पहुंचे तो पुलिस ने बिना कार्रवाई के ही लौटा दिया और अब एएसपी ने भी वापस जाने की सलाह दे दी।

एसएसपी सर्वेश कुमार मिश्रा ने बताया कि महिला की शिकायत पर पुलिस ने उसे उसकी बेटी से मिलवा दिया है। बेटी के धर्म परिवर्तन करने और अगवा करने का केस अलीगढ़ में पहले से ही दर्ज है। मकान में हिस्से की मांग पर कोर्ट जाने की सलाह दी गई है।

वहीं एक मुस्लिम महिला कार्यकर्ता का कहना है कि तीन तलाक के मामलों में तेजी मुस्लिम पुरुषों के बीच बढ़ते आक्रोश का परिणाम है, जिन्हें ऐसा लगता है कि उनसे उनके अधिकारों को छीन लिया गया है. कार्यकर्ता ने कहा, ‘अगर पुलिस मामले में जल्द कार्रवाई करती है, तो यह कानून भविष्य में एक समाधान के रूप में काम करेगा।

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