उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 7 वर्ष पहले हुए बहुचर्चित माज़ सिद्दीकी हत्याकांड के मामले में बर्खास्त किये गए आरोपी इसंपेक्टर संजय राय पर दोष सिद्ध हो गया है। अपर एवं सत्र न्यायाधीश सपना सिंह की अदालत ने आरोपी संजय राय सहित 7 लोगों को दोषी करार दिया है और 28 फ़रवरी को सज़ा सुनाई जाएगी।अपर एवं सत्र न्यायालय में जज के छुट्टी पर होने की वजह से आरोपी संजय राय को सज़ा नहीं सुनाई जा सकी है। सात वर्ष पहले 29 मई 2013 को माज़ हत्याकांड से राजधानी लखनऊ दहल गया था। इसके बाद वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के कार्यालय में तत्कालीन सर्विलांस के इंस्पेक्टर संजय राय पर शूटरों के साथ मिलकर इस हत्याकांड को अंजाम दिलाने का आरोप लगा था।
साल 2013 में हुए इस हत्याकांड के मामले में हुस्न बनों ने राजधानी लखनऊ के इंदिरानगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था कि उनका भतीजा माज़ सिद्दीकी 29 मई को अपने चचेरे भाई फैज़ान के साथ रात 10:30 बजे टीवी देख रहा था। उसी समय तीन लोग मोटरसाइकिल से आए और उन लोगों ने घर का दरवाज़ा खटखटाया। माज़ दरवाज़ा खोलने के लिए गया और जैसे ही उसने दरवाज़ा खोला तो तीनों युवकों ने उसके ऊपर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं जिससे माज़ की मौके पर ही मौत हो गई।
महिलाओं पर अभद्र टिप्पड़ी करने पर वसीम रिजवी के खिलाफ दर्ज FIR
हुस्न बानों ने अपनी एफआईआर में करीबी रिश्तेदारों को के नाम लिखवाया था जबकि जांच के दौरान इंस्पेक्टर संजय राय के नाम का खुलासा हुआ था। अदालत ने फैसले में लिखा है कि माज़ कि बहन हुस्न बनों तथा महिला दरोगा के साथ असफल प्रेम संबंधों कि वजह से संजय राय ने साज़िश कर के माज़ सिद्दीकी की हत्या करवा दी थी। संजय राय ने पुलिसिया दिमाग लगाकर फ़िल्मी अंदाज़ में पूरी साज़िश रची थी लेकिन पुलिस ने सर्विलांस की मदद से उसके पुरे कारनामे का पर्दा फाश कर दिया।
कोर्ट ने इंस्पेक्टर संजय राय के अलावा अभियुक्त रामबाबू उर्फ़ छोटू, संदीप राय, सुनील सैनी उर्फ़ पहलवान, अजीत राय उर्फ़ सिंटू, राहुल राय तथा राकेश सोनी को दोषी करार दिया है। अदालत ने अभियुक्त संजय राय, अजीत राय, संदीप राय, रामबाबू तथा राकेश सोनी पर आईपीएस की धारा 302 व 120 बी के तहत दोषी करार दिया है जबकि राहुल राय तथा सुनील सैनी को आईपीएस की धारा 302, 34, 449 के तहत दोषी करार दिया है।