अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी से जो नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई अमेरिका चीन से मुआवजा लेकर करेगा, वो भी जर्मनी से ज्यादा। बता दें जर्मनी ने चीन से 12.41 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा मांगा है और अब अमेरिका भी चीन से वसूली करने की तैयारी कर रहा है।
कल मंगलवार को व्हाइट हाउस में प्रेस कॉन्फ्स के दौरान ट्रंप ने कहा “कोरोनावायरस का स्रोत जो की चीन है, इसे वही रोक देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अब 184 नर्क से गुजर रहे हैं।” बता दे सबसे ज्यादा कोरोनावायरस से अमेरिका प्रभावित है और इसी वजह से ट्रंप चीन से नाराज है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने तो कोरोना की उत्पत्ति को लेकर जांच करानी भी शुरू कर दी है। ट्रम का कहना है कि यदि इस जांच में चीन दोषी पाया गया तो उसे इसके परिणाम भुगतने होंगे।
सिर्फ अमेरिका ही नहीं जर्मनी, ब्रिटेन और अन्य कई देशों के निशाने पर इस समय चीन है और अब ये सब देश चीन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इन देशों का मानना है कि यदि चीन ने शुरुआत में ही पारदर्शिता बरती होती तो आज इतना बड़ा नुकसान ना होता। चीन ने शुरुआत से ही कोरोना वायरस को लेकर जानकारी छुपाई जिसकी वजह से आज दुनियाभर के देश मुसीबत में है।
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ट्रंप शुरुआत से ही चीन का खुलकर विरोध कर रहे हैं। इसी को लेकर डब्ल्यूएचओ पर भी आरोप लगे हैं कि डब्ल्यूएचओ को चीन के बारे में सब जानकारी थी पर उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की और चीन के साथ एक दोस्त की तरह खड़े हैं। अमेरिकी सीनेट ने डब्ल्यूएचओ के प्रमुख को इस मामले में जवाब देने को कहा है। इसके साथ ही अमेरिका डब्ल्यूएचओ की फंडिंग भी रोकने पर विचार कर रहा है।