उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विद्युत उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा एलान करते हुए मुआवजा प्रावधान को लागू कर दिया है। अब उत्तर प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं की समस्या का समाधान ना होने पर मुआवजा दिया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग के स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019 की अधिसूचना जारी की गई है जिसमे ब्रेकडाउन, केबल फॉल्ट, ट्रांसफॉर्मर, नया कनेक्शन, मीटर रीडिंग, लोड घटना अथवा बढ़ना आदि का समय निर्धारित कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश अब इस लिहाज़ से विद्युत समस्या का समाधान न होने पर मुआवजा देने वाला पहला प्रदेश बन गया है। अब विद्युत कंपनियों को निर्धारित समय में विद्युत समस्या का समाधान न करने पर शिकायतकर्ता को मुआवजा देना पड़ेगा जोकि उत्तर प्रदेश के करोड़ों विद्युत उपभोक्ताओं के लिए एक बहुत बड़ी खबर है। विद्युत नियामक आयोग ने समस्या के समाधान तथा मुआवजा वितरण के लिए भी मॉनिटरिंग का आदेश दे दिया है।
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इस प्रकार होगी मुआवजे की दरें
उपभोक्ता समस्या | देरी पर मुआवजे की दर (प्रतिदिन) |
अंडरग्राउंड केबल ब्रेकडाउन | 100 रुपये |
सब स्टेशन का निर्माण बाधित होने की स्थिति में वोल्टेज में उतार-चढ़ाव | 250 रुपये |
नया कनेक्शन वितरण मेंस उपलब्धता पर | 50 रुपये |
मीटर रीडिंग के मामले | 200 रुपये |
डिफेक्टिव मीटर व सामान्य फ्यूज ऑफ | 50 रुपये |
बिलिंग शिकायत और भार में कमी व आधिक्य | 50 रुपये |
श्रेणी परिवर्तन | 50 रुपये |
ट्रांसफार्मर फेल (ग्रामीण) | 150 रुपये |
अस्थायी कनेक्शन जारी करना | 100 रुपये |
बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए सबस्टेशन की स्थापना | 500 रुपये |
कॉल सेंटर से रिस्पांस न दिया जाना | 50 रुपये |
फर्जी अवशेषों को आगे ले जाना | 100 रुपये प्रति चक्र |
नया कनेक्शन व नेटवर्क विस्तार पर अतिरिक्त भार | 250 रुपये |
ओवरहेड लाइन व केबल ब्रेकडाउन | 100 रुपये |