चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ बिपिन रावत ने कोरोनावायरस को लेकर कहा कि सशस्त्र बलों के रूप में हम कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। हमें सुनिश्चित करना है कि हम सुरक्षित रहें। क्योंकि अगर हमारे सैनिक इस वायरस से प्रभावित होते हैं तो हम अपने लोगों का समर्थन कैसे करेंगे। जारी दिशा-निर्देशों का हमें पालन करना होगा। धैर्य और अनुशासन कोविड-19 के खतरे को दूर करने में मदद करेगा।
As armed forces, we understand our responsibility in the fight against COVID19. We've to make sure that we remain safe because if our soldiers, sailors & airmen get affected by this virus, how're we going to support our people: Chief of Defence Staff General Bipin Rawat to ANI pic.twitter.com/jneFFNETYR
— ANI (@ANI) April 26, 2020
सेना ने भी डाउनलोड किया आरोग्य सेतु एप
सीडीएस बिपिन रावत ने आगे कहा कि कोविड-19 ने बहुत सीमित संख्या में तीनों सेनाओं को प्रभावित किया है। मैं कहूंगा कि यह अनुशासन और धैर्य है, जिसने हमें खतरे को फैलने से रोकने में मदद की है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि तीनों सेनाओं ने अपने मोबाइल में आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप को डाउनलोड कर लिया है। इससे हम पता लगा पाएंगे कौन संक्रमित हुआ है और सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे कि कोविड-19 का प्रसार ना हो।
चिकित्सा अनुसंधान में शामिल वैज्ञानिक और अन्य एजेंसियां देश में चिकित्सा उपकरणों का उत्पादन करने के लिए नए विचारों के साथ आगे आई हैं। पहले इन उपकरणों को हम आयात करते थे। यह अद्भुत है कि अब यह सब भारत में ही बन रहे हैं।
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कोविड-19 ने सिखाया आत्मनिर्भर बनना
हम रक्षा सेवा में विदेशों से अपने हथियार उपकरण और गोला-बारूद को मंगाते हैं। लेकिन मुझे लगता है, अगर हम अपने अनुसंधान और विकास विभागों को यह चुनौती सौंप दें तो हम देश में अपने खुद के गोला-बारूद आदि का निर्माण शुरू कर सकते हैं। कोविड-19 ने हमें सबक सिखाया है कि अब समय आ गया है, आत्मनिर्भर होने का। भारत में, जब हम एक क्षेत्रीय शक्ति बन रहे हैं तो हमें दूसरों का समर्थन करना होगा और दूसरों पर निर्भर नहीं होना चाहिए। यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम मेक इन इंडिया का समर्थन करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि जो भी हथियार प्रणाली हम आयात कर रहे हैं। उसे धीरे-धीरे हम भारत में ही बनाकर उपयोग करें।
सीडीएस बिपिन रावत ने कहा कि हमें जो भी बजट दिया जाता है, उसे व्यर्थ खर्च करने से बचना चाहिए। जहां तक तीनों सेनाओं का संबंध है। हम अपने परिचालन तैयारियों में कोई बड़ी गिरावट नहीं देखते है। हमें सौंपा गया कोई भी परिचालन कार्य करने में सक्षम है।