केंद्र सरकार ने गुरुवार को प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम बदल दिया है। अब इस केंद्र का नाम पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के नाम से जाना जाएगा। विदेश मंत्रालय ने बताया ने जानकारी देते हुए बताया है कि पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अमूल्य योगदान दिया है जिसके लिए दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र का नाम सुषमा स्वराज भवन रखा गया है। इसके अलावा दिल्ली के विदेश सेवा संस्थान का नाम बदलकर सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस करने का फैसला लिया गया है।
Pravasi Bhartiya Kendra, Foreign Service Institute renamed after Sushma Swaraj
Read @ANI Story | https://t.co/G6N5H31DHq pic.twitter.com/ng4XTiysU8
— ANI Digital (@ani_digital) February 13, 2020
सुषमा स्वराज का 14 फरवरी को 68वां जन्मदिवस है जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने यह निर्णय लिया है। भारत के वर्तमान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए ट्वीट किया है कि “खुशी है कि सरकार ने प्रवासी भारतीय केंद्र को सुषमा स्वराज भवन और विदेशी सेवा संस्थान का नाम सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस के रूप में बदलने का फैसला किया है”। इसी ट्वीट में उन्होंने आगे कहा है कि “एक महान सार्वजनिक शख्सियत को उचित श्रद्धांजलि जो हमें प्रेरित करती रहे”।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने एक अन्य ट्वीट में कहा है कि “हम सब श्रीमती सुषमा स्वराज को याद करते हैं, जो कल 68 वर्ष की हो जाएंगी। मिनिस्ट्री ऑफ़ एक्सटर्नल अफेयर्स (MEA) परिवार उन्हें विशेष रूप से याद करता है”। इससे पहले हरियाणा सरकार ने भी पिछले ही महीने अंबाला शहर के बस अड्डे का नाम बदलकर सुषमा स्वराज के नाम पर रखने का एलान किया था।
Glad to announce that the Government has decided to rename Pravasi Bhartiya Kendra as Sushma Swaraj Bhawan and Foreign Service Institute as Sushma Swaraj Institute of Foreign Service.
A fitting tribute to a great public figure who continues to inspire us.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) February 13, 2020
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने इस सम्बन्ध में कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इसके लिए तैयार किये गए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है और अब बस अड्डे का नाम उनकी जयंती के अवसर पर परिवर्तित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सुषमा स्वराज ने अपने जीवन के शुरुआती साल अंबाला में गुज़ारे थे और हाल ही में केंद्र सरकार ने भी उनको पद्मविभूषण सम्मान से पुरस्कृत किया था।