उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज सोमवार के दिन राजधानी लखनऊ के लोकभवन में कैबिनेट बैठक करने वाले हैं जिसमे बहुत ही अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इस बैठक में लखनऊ तथा नोएडा (गौतमबुद्धनगर) में पुलिस आयुक्त प्रणाली (कमिश्नरेट प्रणाली) को लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी मिल सकती है। आज सुबह 9:30 बजे सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोकभवन में कैबिनेट की बैठक शुरू हो गई है।
इस कैबिनेट बैठक के दौरान अवध तथा पूर्वांचल के कई जनपदों से होकर निकलने वाली घाघरा नदी का नाम बदलकर अब ‘सरयू’ करने की तैयारी हो रही है। घाघरा नदी नेपाल से होते हुए हिन्दुस्तान में ब्रह्मघाट पर शारदा नदी से जाकर मिलती है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार घाघरा नदी का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने की तैयारी कर रही है और कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव पर भी मुहर लगाईं जा सकती है।
योगी सरकार की कैबिनेट बैठक, सभी मंत्री पहुचे लोक भवन
बैठक में उन्नाव में कोतवाली सदर की दही चौकी को पुलिस थाने में बदलने का प्रस्ताव भी मंज़ूर किया जा सकता है इस प्रस्ताव के पास होने से उन्नाव में एक और थाना बन जाएगा। साथ ही पुलिस विभाग के 63 जर्जर भवनों को ध्वस्त करने का भी प्रस्ताव पास हो सकता है और प्रयागराज में बन रही नई जिला जेल की बढ़ी हुई लागत पर सहमति मिल सकती है। इसके अलावा सोनौली-बलिया स्टेट हाई-वे को चौड़ा करने के प्रस्ताव पर भी बात की जा सकती है।
कुल मिलकर लगभग 6 प्रस्तावों पर मोहर लगाईं जा सकती है जिसमे कमिश्नरी प्रणाली को लागू किया जाना सबसे अहम है और इसे लखनऊ सहित 5 शहरों में लागू किया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की बैठक के ख़त्म करने बाद गोरखपुर जाएंगे।
उत्तर प्रदेश बड़े ज़िलों में अपराधों पर नियंत्रण व बेहतर कानून-व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस आयुक्त प्रणाली का खाका तैयार हो चुका है। इस प्रणाली के तहत दो ज्वाइंट कमिश्नर भी रखे जाएंगे और बहुत ही जल्द इसे अमली जामा पहना दिया जाएगा। राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश सिंह (OP Singh) ने शासन को जो प्रस्ताव दिया है उसमे पुलिस कमिश्नर के नीचे दो ज्वाइंट कमिश्नर को भी तैनात करने के लिए कहा गया है। डीजीपी ने प्रस्ताव में कहा है कि दोनों ज्वाइंट कमिश्नर में से एक ज्वाइंट कमिश्नर पुलिस मुख्यालय पर तैनात होगा जबकि दूसरा ज्वाइंट कमिश्नर कानून-व्यवस्था को संभालने के लिए रहेगा।
डीजीपी ओपी सिंह ने इस प्रस्ताव में कहा कि ज्वाइंट कमिश्नर के इन दोनों पदों पर आईजी और डीआईजी में से किसी को भी रखा जा सकता है जबकि कमिश्नर को पुलिस के एडीजी स्तर का रखा जाएगा। सूत्रों से पता चला है कि लखनऊ में कमिश्नर के साथ ज्वाइंट कमिश्नर के रूप में दो आईजी स्तर के अफसरों को तैनात किया जा सकता है जबकि नोएडा में ज्वाइंट कमिश्नर डीआईजी स्तर का रखा जाएगा। सूत्र बताते हैं कि कैबिनेट कि बैठक में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने के लिए प्रस्ताव रखा जाएगा और इसके तुरंत बाद ही अफसरों की तैनाती शुरू कर दी जाएगी।