भैंस के मांस व मछली के निर्यात को रोकने का सरकार का नहीं कोई इरादा

Buffalo meat and fish exports
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संसद में 13 मार्च को शुक्रवार के दिन सरकार ने साफ़ किया कि भैंस के मांस व मछली के निर्यात को रोकने की फिलहाल उसकी कोई भी योजना नहीं है। पशुपालन, मत्स्य पालन व डेयरी राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान ने प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि भैंस के मांस तथा मछली के निर्यात पर प्रतिबन्ध लगाने का कोई इरादा नहीं है।

कांग्रेस के हुसैन दलवाई ने सवाल पूछा था कि गोमांस का निर्यात प्रतिबंधित करने के बाद भी भैस, बकरी, भेड़, तथा पक्षियों के मांस का निर्यात लगातार बड़े पैमाने पर किया जा रहा है, क्या सरकार इसको भी बंद करने की योजना बना रही है? जवाब में संजीव कुमार कहा कि जी नहीं, सरकार कि ऐसी कोई भी योजना नहीं है। भैस के मांस का भी निर्यात किया जा रहा है तथा मछली का भी निर्यात किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हिन्दुस्तान से भैस के मांस तथा मछली का वार्षिक निर्यात 70 करोड़ रूपए तक होता है। यह निर्यात होता रहेगा और सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि इस निर्यात पर रोक लगाईं जाए।

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गौशालाओं में गायों के भोजन तथा बाकी सुविधाओं की कमी की वजह से गायों की हो रही मौत के सम्बंध में सवाल पूछे जाने पर राज्यमंत्री संजीव कुमार बालियान ने कहा कि राज्य सरकारों पर गौशालाओं के कुशल संचालन की ज़िम्मेदारी रहती है। केंद्र सरकार स्तर पर केवल पशु कल्याण बोर्ड के ज़रिये से ही गौशालाओं को सहायता पहुंचाई जा सकती है। परन्तु पशु कल्याण बोर्ड का वार्षिक बजट आवंटन सिर्फ 4 करोड़ रूपए होने की वजह से केंद्र सरकार की सीमित भूमिका रह गई है।

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