टी-सीरीज के मालिक गुलशन कुमार की हत्या क्यों और किसने की थी?

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आज से लगभग 80-90 के दशक में ज्यादातर घरों में धार्मिक गाने बजा करते थे। लेकिन इन गानों का गायक कोई भी हो लेकिन इनकी पहचान बनी टी-सीरिज कंपनी के निर्माता गुलशन कुमार के नाम से। क्या आपको पता है उनकी कहानी जितनी दिलचस्प है। उनकी मौत उतनी ही दर्दनाक भी है। हालंकि आज वे हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका नाम उनके गाने आज भी हमारे दिल पर राज करते है। तो दोस्तों आइए एक नजर डालते हैं उनके जिंदगी के सफर पर….

कभी ऑडियो कैसेट बेचते थे

गुलशन कुमार का जन्म दिल्ली में एक पंजाबी परिवार हुआ था। उनके पिता दिल्ली के दरियागंज बाजार में एक फ्रूट जूस के विक्रेता थे।गुलशन कुमार ने करीब 23 साल की ही उम्र से परिवार की मदद से एक दुकान ली और वहां से सस्ते ऑडियो कैसेट बेचने शुरू कर दिया। रिकार्ड्स और ऑडियो कैसेट का कारोबार धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ने लगा। इस कारोबार को बड़ा करने के लिए उन्होंने खुद ही ऑडियो कैसेट् बनाना शुरू कर दिया। लेकिन किसे पता था कि उनका यह फैसला उन्हें उस मुकाम पर ले जा रहा है। जहां पहुंचने की उम्मीद हर कोई करता है।

1970 में अपनी एक म्यूजिक कंपनी खोल

गुलशन ने अपने ऑडियो कैसेट के व्यवसाय को ‘सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज’ का नाम दिया। 1970 में उनका कारोबार और बढ़ा और उन्होंने दिल्ली से सटे नोएडा में अपनी एक म्यूजिक कंपनी खोल दी।देखते ही देखते गुलशन कुमार के कैसेट्स ने हर घर पर में जगह बना ली।किसी को क्या पता था कि एक ठेले से कैसेट्स बेचने की शुरुआत करने वाला एक आम इंसान भी करोड़पति बन सकता है।

दिन पर दिन बढ़ता गया करोबार

गुलशन ने अपने कारोबार को और बढ़ाने के लिए मुंबई आए। वह सस्ते और अच्छे कैसेट्स लोगों तक पहुंचाते थे। बॉलीवुड आते ही उन्होंने अपनी कंपनी को ‘टी-सीरीज’ के नाम से बदल दिया। म्यूजिक इंजस्ट्री में गुलशन के नाम का सिक्का चलने लगा। उनकी कंपनी के बैनर तले कई सारे गाने बने, भजन बने, रिमिक्स गानों का जबरदस्त संगम हुआ।

भक्ति गानो शुरुआत

गुलशन कुमार ने भक्ति में ऐसे गाने गाए जो आज भी लोगों को अच्छे से याद हैं। ऐसा माना जाता है भक्ति गानों की शुरुआत उन्हींं ने की थी। गुलशन ने कई नई और उम्दा प्रतिभाओ को मौका दिया जिन्होंने आगे चलकर बॉलीवुड में सफलता मिली। जिसमें कुमार सानू, सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल का नाम शामिल है। गुलशन न केवल एक बेहतर इंसान थे बल्कि उस वक्त सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले लोगों की सूची में भी पहले स्थान पर थे। वहीं आज भी उनके नाम पर वैष्णो देवी में एक भंडारा चलता है।

जिंदगी में ऐसे पल की कभी कल्पना भी न की होगी

इसी दौरान अचानक उनकी जिंदगी में एक ऐसा पल आया जिनकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। एस हुसैन जैदी ने अपनी किताब ‘My name is abu salem’ बनाया। इसके लिए अबु सलीम ने सिंगर गुलशन कुमार से 10 करोड़ रुपए देने के लिए कहा था। इस पर गुलशन कुमार ने मना कर दिया था और यही उनकी जिंदगी की खराबी बन गया।

इतनी दर्दनाक मौत मिली

12 अगस्त 1997 को मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर 16 गोली मारकर गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी। उनकी मौत का कारण यह था की गुलशन कुमार ने मना करते हुए कहा था कि इतने रुपये देकर वो वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे। इस बात से नाराज सलेम ने शूटर राजा के जरिए गुलशन कुमार का दिन दहाड़े मर्डर करवा दिया था। गुलशन कुमार को मारने के बाद शूटर राजा ने अपना फोन को 10 से 15 मिनट तक ऑन रखा था। ताकि गुलशन कुमार की चीखें अबु सलेम सुन सके।

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