सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत अपने तीन साल के कार्यकाल के बाद आज 31 दिसम्बर को रिटायर हो रहे है और उनको आज ही देश का पहला चीफ ऑफ़ डिफेन्स स्टाफ बनाया जायेगा। CDS की भूमिका बहुत अहम् रहेगी तीनो सेनाओ के लिए और रक्षा मंत्रालय के लिए भी।
CDS (Chief of Defence) की आखिर जरुरत क्यों पड़ी? 1999 में कारगिल युद्ध होने के बाद तत्कालीन पीएम लाल कृष्ण आडवाणी ने GOM का गठन किया था। पीएम की अध्यक्षता में GOM ने समीक्षा की और पाया की तीनो सेना Army, Air Force और Navy में ताल मेल नहीं है,अगर तीनो में ताल मेल होता तो युद्ध में नुकसान बहुत काम होता। जिसके बाद तीनो सेनाओं में समन्वय हो, इसके लिए CDS का बनाने का सुझाव दिया गया पर राजनितिक सहमति नहीं हुई और इतने वर्षों तक CDS सुझाव ही बना रहा।
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केंद्र में बीजेपी की सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस के दिन देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले से घोषणा कि,की वो जल्द तीनो सेनाओ में ताल मेल बनाने वाले CDS को बनाएंगे। जिसके बाद 24 दिसम्बर को हुई कैबिनेट कि बैठक में चीफ ऑफ़ डिफेन्स की भूमिका को स्वीकार किया गया।
कैसे काम करेगा CDS
CDS का प्रमुख कार्य तीनो सेना Army, Air Force और Navy और सरकार के बीच ताल मेल बनाना होगा। जिससे देश की तीनो सेनाएं किसी भी परिस्थिति में एक साथ मिलकर काम कर पायें। रक्षा मंत्रालय में Department Of Military Affairs नाम का एक विभाग बनाया जायेगा और इस विभाग का नेतृत्व CDS करेंगे। CDS का कार्यकाल 65 वर्षों का होगा। देश के पहले CDS बिपिन रावत बन रहे है और उनकी आयु इस समय 61 वर्ष है यानि अगले 4 वर्षों तक वो चीफ ऑफ़ डिफेंस स्टाफ रहेंगे। CDS तीनो सेनाओं के प्रमुख होंगे और इनसे जुड़े हर मुद्दे को रक्षा मंत्री तक पहुचायेंगे।