इन दिनों पतंजलि द्वारा बनाई गई कोरोनावायरस की दवा कोरोनिल सवालों के घेरे में है। जिस पर आज सफाई देने के लिए बाबा रामदेव ने हरिद्वार में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया। ऐसा करने वालों को सबक मिला है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबा रामदेव ने कहा कि हमने क्लिनिकल ट्रायल से लेकर रजिस्ट्रेशन पर प्रक्रिया के नियमों का पालन किया है। हमने सभी नियमों का पालन किया है इसके बाद भी कुछ लोगों ने हमारे खिलाफ देशभर में एफ आई आर दर्ज कराई। जैसे किसी देशद्रोही और आतंकवादी के खिलाफ कराई जाती है। ऐसा लगता है कि हिंदुस्तान के अंदर आयुर्वेद का काम करना गुनाह हो। अब विरोधियों के मंसूबों पर पानी फिर गया है। आयुष मंत्रालय ने हमारे द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा की है।
आयुष मंत्रालय ने कहा की पतंजलि ने कोविड-19 मैनेजमेंट के लिए पर्याप्त काम किया है। आयुष मंत्रालय के इस बयान के बाद से विरोधियों को मिर्ची लगी है। हम 35 साल से देश की सेवा में है। हमारे साथ 500 वैज्ञानिक काम कर रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल पतंजलि ने 23 जून को कोरोनावायरस की दवा कोरोनिल लॉन्च करते हुए दावा किया था कि यह दवा 100% कारगर है। हमने अलग-अलग शहरों में 280 कोरोना मरीजों के ऊपर इसका परीक्षण किया है और वे सभी स्वस्थ हो गए हैं और ऐसा मात्र 7 दिनों में हुआ है। लेकिन इसके बाद ही आयुष मंत्रालय ने इस दवा पर यह कहते हुए रोक लगा दी कि पतंजलि ने इम्यूनिटी बूस्टर के लिए लाइसेंस लिया था ना कि दवा बनाने के लिए।