अटल भू जल योजना भारत में गिरते भूजल स्तर की समस्या को दूर करने के लिए सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्त्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य देश के उन क्षेत्रों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है, जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है। इस योजना का मुख्या उद्देश्य किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण सुनिश्चित कराना है।
भूजल भंडार के लगातार कम होने की चिंता को दूर करने के लिये विश्व बैंक तथा भरत सरकार ने अटल भूजल योजना (ABHY) के तहत 6,000 करोड़ रुपए की सहायता देने की मंज़ूरी प्रदान कर दी है। जिसमें से 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक और 3000 करोड़ रुपये सरकार देगी।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के मौके पर मोदी सरकार ने इस योजना को लागू करने का फैसला लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा की उनका लक्ष्य न्यू इंडिया को जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है, इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं।
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इस योजना के अंतर्गत पहचान किये गए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और उत्तर प्रदेश शामिल हैं। ये राज्य भारत के कुल भूजल के दोहन के संदर्भ में 25 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं। इस योजना का लाभ इन राज्यों के 78 जिलों, 193 ब्लॉकों और 8350 ग्राम पंचायतों को मिलेगा
भारत के भूजल संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया गया है जिसके कारण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी। भारत के 71 ज़िलों में से 19 में भूजल का अत्यधिक दोहन किया गया। जिसका अर्थ है कि जलाशयों की प्राकृतिक पुनर्भरण की क्षमता से अधिक जल की निकासी की गई है। 2013 में किये गए आकलन के अनुसार, जिसमें ज़िलों के ब्लाकों को शामिल किया गया और पाया गया कि यहाँ का 31% जल खारा हो गया था।
अटल भूजल योजना का उद्देश्य है कि भूजल की मात्रा को फिर से बढ़ाया जाए। साथ ही किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारन करना है। इस योजना को केंद्रीय जलसंसाधन मंत्रालय की तरफ से लागू किया गया।