उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) में हुए घोटाले के मामले को लेकर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने एक और गिरफ्तारी किया है। ईओडब्ल्यू की टीम ने इस मामले के मुख्य सूत्रधार रहे दिल्ली के ब्रोकरेज फर्म एसएमसी (SMC) के एक चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA) ललित गोयल को गिरफ्तार किया है। दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) तथा पंजाब नेशनल बैंक हाउसिंग में रूपए का निवेश करवाने के लिए एसएमसी ने ब्रोकरेज फर्म का किरदार अदा किया था। ललित गोयल ने ब्रोकरेज के नाम से करोड़ों रुपयों की धांधली करवाया था।
Lucknow: Economic Offences Wing has arrested an accountant Lalit from Delhi, in connection with alleged money laundering of Uttar Pradesh Power Corporation Limited (UPPCL) employees' provident fund.
— ANI UP (@ANINewsUP) January 17, 2020
बताया जा रहा है है कि एसएमसी के खातों में ब्रोकरेज की जो पहली किश्त आयी थी वह ललित गोयल ने ही करवाया था और इस घोटाले की शुरुआत यहीं से हुई थी। ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता के बेटे अभिनव गुप्ता की सहायता भी ललित ने ही फर्जी फर्म उपलब्ध कराने में किया था। ईओडब्ल्यू के अधिकारी बता रहे हैं कि ललित ने पीएफ के निवेश में घोटाले की शुरुआत किया था जिसमे अबतक 16 लोगों की गिरफ़्तारी हो चुकी है। इस घोटाले में यूपीपीसीएल के पूर्व एमडी एपी मिश्रा, वित्त निदेशक सुधांशु द्विवेदी, ट्रस्ट के सचिव पीके गुप्ता, चार चार्टर्ड एकाउंटेंट और कई अन्य संस्थाओं के मालिक शामिल हैं।
DHFL PF Scam : यूपीपीसीएल ने पैसे वापसी का दिया लिखित आश्वासन, आंदोलन खत्म
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपीपीसीएल घोटाले को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश किया था। इसमें 26 अरब रूपए का ईपीएफ घोटाला हुआ था जिसके बाद यूपीपीसीएल के कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में फंसा हुआ है। ईओडब्ल्यू ने जो दस्तावेज जब्त किया है उनके अनुसार उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएएस अधिकारी, तत्कालीन अतिरिक्त सचिव (ऊर्जा) और यूपीपीसीएल के अध्यक्ष संजय अग्रवाल इंप्लाईस ट्रस्ट का नेतृत्व कर रहे थे। इस घोटाले को लेकर प्रमुख सचिव आलोक कुमार को भी ऊर्जा विभाग से हटाकर अवस्थापना विभाग भेज दिया गया है।