दिल्ली में कई इलाकों में आज भी हिंसक प्रदर्शन हुए। जिसकी वजह से मारने वालों की संख्या 9 हो गयी है। देश की राजधानी दिल्ली इस समय जल रही है और सत्ताधारी तमाशा देख रहे है। पिछले तीन दिनों में जाफराबाद, मौजपुर, भजनपुरा, गोकुलपुरी,चांदबाग,बाबरपुर,ब्रम्भपुरी,कबीर नगर करदमपुर में हिंसक प्रदर्शन हुए। इन जगहों पर घर,दुकान,मकान व वाहन जलाये गए है। यहाँ तक की कोचिंग के बहार खड़ी छात्रों की बाइक,स्कूटी को भी उपद्रवियों ने नहीं छोड़ा। इन हिंसक घटनाओं को देखते हुए धारा 144 को लागू कर दिया गया है।
बवाल को लेकर बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने आज दिल्ली में हो रहे प्रदर्शन को लेकर बैठक बुलाई। इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,उप-राज्यपाल,दिल्ली पुलिस कमिश्नर,खुफिया ब्यूरो के निदेशक,कई विधायक शामिल रहे। बैठक में गृह मंत्री ने हिंसक प्रदर्शन करने वालों पर सख्त कार्यवाही करने को कहा गया है। इसके साथ ही जरुरत पड़ने पर भारी पुलिस बल को तैनात किया जायेगा।’ बैठक में एक कमिटी भी बनाने को कहा गया है। जिसमे पुलिस और विधायक होंगे और वो लोगों को जाकर समझायेंगे।
Ministry of Home Affairs: HM has appealed to all to desist from spreading rumours&said that political parties should cooperate with police to quell these rumours&dispel fear among public.He also appealed to public at large&media to communicate responsibly&avoid spreading rumours. pic.twitter.com/n93C9R4Z4m
— ANI (@ANI) February 25, 2020
केजरीवाल बोले सकारात्मक रही बैठक
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बैठक के बाद मिडिया से बात की और बताया की गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है की वो पुलिस की कमी नहीं होने देंगे। इसके बाद केजरीवाल राज घाट गए और शांति के लिए प्राथना की और ट्वीट कर लिखा की इस कठिन समय में हमें महात्मा गांधी जी से प्रेरणा ले कर अहिंसा को अपनाना है। हिंसा से कुछ हासिल नहीं होगा।’ अब सवाल ये उठता है की यदि दिल्ली सीएम शांति चाहते है तो चुनाव से पहले शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने ये क्यों कहा था की वो शाहीन बाग के साथ खड़े है? और अब जब जगह-जगह हिंसक प्रदर्शन हो रहे है तो क्या आम आदमी पार्टी उनके साथ भी खड़ी है?
दिल्ली में CAA का विरोध प्रदर्शन हुआ हिंसक,घर,दुकान और गाड़ी जलाई गयी
प्रयोग और प्रयोजन
गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली चुनाव से पहले ही कहा था की शाहीन बाग एक प्रयोग है और ये सफल रहा तो दिल्ली में अन्य जगहों पर भी इसी तरह के प्रदर्शन होंगे। पहले ऐसा नहीं लगा पर अब देश में सभी को समझ आ गया है की शाहीन बाग एक प्रयोग ही था। इस समय दुनिया के सबसे ताकतवर इंसान अमेरिका के राष्ट्रपति भारत आये हुए है और उनके आने से एक दिन पहले जाफराबाद और मौजपुर में प्रदर्शन शुरू हो गया। इसको प्रायोजित न कहा जाये तो क्या कहा जाये? हम अपने मेहमान को क्या सन्देश देना चाहते है। एक तरफ भारत विश्व गुरु बनने की ओर बढ़ रहा है यदि भारत में हो रहे दंगो को विश्व देखेगा तो क्या कोई भी देश भारत को विश्व गुरु मानेगा?