लखनऊ में बारावफात के मौके पर निकाला गया जुलूस ए मोहम्मदी

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बालागंज से जुलूस ए मोहम्मदी निकाला गया। इस जुलूस को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुरानी परंपरा के साथ निकाला। यह जुलूस बालागंज से निकल कर चौक के कोणेश्वर मंदिर और हुसैनाबाद होते हुए समीना शाह तक ले जाया जाता है। जुलूस ए मोहम्मदी में अमन और शांति के साथ इलाके के हजारों लोग शामिल हुए।

बारावफात के मौके पर निकले जाने वाले जुलूस ए मोहम्मदी को अल्लाह के प्यारे नबी रसूल अल्लाह हज़रत मोहम्मद साहब की याद में निकाला जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के हिसाब से मोहम्मद साहब का जन्म रबी उल अव्वल की 12 तारीख को हुआ था और 12 तारीख को ही उन्होंने दुनिया से पर्दा किया था।

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बारावफात मानाने की शुरुआत मिस्र में 11वीं सदी में हुई थी और फ़ातिमिश वंश के राजाओं ने इसे मानना शुरू किया था। पैगम्बर साहब के रुखसत होने के 4 सदियों बाद शिया मुसलमान इसको एक त्यौहार के तौर पर मानाने लगे।

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